Himachal: 4 घंटे पैदल चलकर करसोग के दुर्गम क्षेत्र मांजू-मगाण पहुंचा जिला प्रशासन
punjabkesari.in Wednesday, Nov 27, 2024 - 08:31 PM (IST)
करसोग (यशपाल/धर्मवीर): जिला मंडी के उपमंडल करसोग के दुर्गम क्षेत्र का दौरा करने पहुंची जिला प्रशासन की टीम को तकरीबन 4 घंटे पैदल चलना पड़ा। दुर्गम पगडंडियों से होते हुए तकरीबन 15 किमी पैदल सफर तय कर दुर्गम पंचायत सरत्योला के गांव मांजू-मगाण पहुंचे जिला प्रशासन व उपमंडल प्रशासन के अधिकारियों ने बुनियादी सुविधाओं की समीक्षा की। माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार गठित जिला स्तरीय कमेटी ने बुधवार को अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर की अध्यक्षता में बुनियादी सुविधाओं की समीक्षा के दृष्टिगत क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी विशेष तौर पर उपस्थित रहे। जिला स्तरीय कमेटी के सभी सदस्य सरत्योला पंचायत के दुर्गम गांव मांजू जकलीन से होते हुए मगाण पहुंचे तथा ग्रामीणों की समस्याओं को जाना।
बिजली, पानी, सड़क और शिक्षा संबंधी परेशानियों को प्रमुखता से कमेटी के समक्ष रखा
सरत्योला में ग्रामीणों ने कमेटी को पेयजल और सड़क की समस्या से रू-ब-रू करवाते हुए बताया कि उनके बच्चों के लिए सुबह और शाम स्कूल टाइम के दौरान बस सेवा सुचारू रूप से चलाने की व्यवस्था की जाए। वहीं, मगाण गांव के लोगों ने लो वोल्टेज सहित बिजली की समस्या को प्रमुखता से सुलझाने की मांग रखते हुए सड़क सुविधा प्रदान करने की मांग को उठाया। अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर ने ग्रामीणों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने का आश्वासन दिया। इस दौरान अतिरिक्त उपायुक्त ने राजकीय प्राथमिक पाठशाला मांजू का निरीक्षण भी किया। इसके उपरांत कमेटी ग्राम पंचायत परलोग पहुंची और वहां मौजूद लोगों की समस्याओं को भी जाना। इस दौरान उपमंडलाधिकारी नागरिक करसोग गौरव महाजन, तहसीलदार करसोग डा. वरुण गुलाटी, जिला पंचायत अधिकारी मंडी अंचित डोगरा, उपनिदेशक कृषि विभाग मंडी डा. रामचंद्र, उपनिदेशक आयुष विभाग मंडी जोन डा. आनंदी, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग मंडी सर्कल अनिल शर्मा सहित पंचायत प्रतिनिधि तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
प्रदेश हाईकोर्ट ने दिए थे वास्तविकता जांचने के आदेश
प्रदेश हाईकोर्ट में संबंधित क्षेत्र के याचिकाकर्त्ताओं ने शिकायत देते हुए बताया था कि क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। इन सुविधाओं के अभाव में उनका जीवन कठिनाइयों के दौर से गुजर रहा है। याचिका में मौजूदा तथ्यों को पेश कर बुनियादी सुविधाओं की मांग की गई है। गत सप्ताह ही प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले में वास्तविकता जांचने के आदेश देते हुए जिला प्रशासन को संबंधित क्षेत्र का दौरा करने और बुनियादी सुविधाओं में कमी की विस्तृत रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने को कहा था। बहरहाल, प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन की टीम ने बुनियादी सुविधाओं की समीक्षा कर विस्तृत रिपोर्ट बनाने के लिए कसरत शुरू कर दी है।