टांडा में किडनी ट्रांसप्लांट की सेवा शुरू, यह कार्डधारक ले सकते हैं लाभ

punjabkesari.in Saturday, Jun 22, 2024 - 06:46 PM (IST)

टांडा (कांगड़ा), (कालड़ा/किशोर): प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े मैडीकल कालेज डाक्टर राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कालेज टांडा में इस सप्ताह दो रोगियों का किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया। पर्यटन विभाग के अध्यक्ष आरएस बाली ने बताया कि काफी प्रयत्नों के बाद इस सेवा को टांडा में शुरू किया गया है। इसका लाभ प्रदेश के लोगों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि हिमकेयर तथा आयुष्मान कार्ड होल्डर इस सेवा का नि:शुल्क लाभ ले सकते हैं। बाली ने बताया कि प्रदेश में किडनी के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि डायलिसिस करवाने वाले रोगियों की संख्या बहुत अधिक है। उन्होंने डाक्टरों से कहा कि ऑप्रेशन के बाद जो पोस्ट ऑप्रेटिव केयर की जरूरत होती है उस पर अधिक से अधिक ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सामान्य रोगी का सरकार की तरफ से जो पैकेज है उसके अंदर किडनी ट्रांसप्लांट हो जाएगा जिसमें हिमकेयर व आयुष्मान कार्ड होल्डर इसकी सेवा ले सकेंगे। आरएस बाली ने बताया कि पहले ही टांडा में ओपन बाईपास सर्जरी में हम वाल्व व दिल में छेद का ऑप्रेशन कर रहे हैं।

जल्द ही पूरी बाईपास सर्जरी भी करेंगे। बाली ने बताया कि प्रदेश सरकार ने टांडा मैडीकल कालेज में शीघ्र ही आरंभ होने जा रहे ट्रामा सैंटर के लिए 100 विभिन्न पदों की स्वीकृति प्रदान की है जिसमें 9 असिस्टैंट प्रोफैसर, नर्सिंग स्टाफ, सफाई कर्मी, वार्ड ब्वाय इत्यादि के पद भरे जाएंगे। इस मौके पर ज्वाइंट डायरैक्टर मेजर कुलबीर राणा, डा. धीरज कपूर, डाक्टर आरके अबरोल तथा नर्सिंग सुपरिंटैंडैंट निर्मल पंवर, मैट्रन सुनीता चौधरी, वार्ड सिस्टर आशा लता, गुड्डू चौधरी, प्रेमलता, अंकेश चौधरी, कनिका, अदिति, आरती, मधु, सुखजीत, नीरज व कल्पना उपस्थित रहे।

2 लोगों का किडनी ट्रांसप्लांट
टांडा मैडीकल कालेज में दो लोगों का किडनी ट्रांसप्लांट करके एक नया इतिहास रचा है। एक मां ने अपनी बेटी के लिए तथा एक पिता ने अपने बेटे के लिए किडनी ट्रांसप्लांट किया। उन्होंने बताया कि लाल सिंह निवासी जारा, तहसील नूरपुर ने अपने बेटे हरदीप सिंह को अपनी किडनी देकर नया जीवन दिया। इसी प्रकार नीना निवासी गांव जारा, तहसील नूरपुर कांगड़ा ने अपनी बेटी अंकिता निवासी गांव कोटला बाजार, जसवां जिला कांगड़ा को अपनी किडनी दान देकर नया जीवनदान देकर एक नया उदाहरण पेश किया। ये दोनों ही ट्रांसप्लांट 6-7 दिनों के अंदर किए गए हैं। यह एक ऐसी सर्जरी है जो किसी बीमार या घायल को किडनीदाता से प्राप्त स्वास्थ्य किडनी से बदलने के लिए की जाती है।

फिलहाल डोनेट किडनी का प्रयोग : डा. अमित
किडनी रोग सर्जन डा. अमित ने बताया कि अभी तक हम किडनी डोनेट करने वाले किसी रिश्तेदार या ब्रेन डैड व्यक्ति की किडनी का प्रयोग कर रहे हैं परंतु जल्द ही मृत व्यक्ति की किडनी का भी प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि किडनी खराब होने के मुख्य कारण मधुमेह, उच्च रक्तचाप, पेन किलर का खाना व किडनी में स्टोन का होना है। डा. अमित ने बताया कि इस समय उनके पास 30 रोगी किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए लाइन में हैं।

पर्ची काऊंटरों की संख्या बढ़ेगी : प्राचार्य
प्राचार्य डाक्टर मिलाप ने बताया कि लगभग 3000 रोगी रोज आते हैं तथा पर्ची बनवाने में किसी भी रोगी को 15 से 20 मिनट का समय लगता है। वह जल्द ही पर्ची बनाने वाले काऊंटरों की संख्या बढ़ाने जा रहे हैं।


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Content Writer

Kuldeep

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