कुल्लू दशहरा: कई दशकों के बाद पहुंचे 278 देवी-देवता, आठ बिना निमंत्रण हुए हाजिर (Video)

punjabkesari.in Friday, Oct 11, 2019 - 04:45 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): विश्व के सबसे बड़े अद्भुत देव समागम दशहरा उत्सव में इस बार देवी-देवताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई। पिछले 10 सालों से लगातार इस उत्सव के लिए देवताओं की संख्या से ऐतिहासिक ढालपुर में रौनक लौट आई। दशहरा उत्सव में प्रशासन के बिना निमंत्रण भी देवी-देवता इस बार भी आए हैं। डेढ़ दशक की बात करें तो इस बार सबसे ज्यादा देवी-देवता दशहरा उत्सव में विराजमान हुए हैं। पिछले वर्ष जिला प्रशासन ने 305 और इससे पहले काफी वर्षों से 292 देवी-देवताओं को ही जिला प्रशासन की ओर से निमंत्रण भेजा जाता रहा है। लेकिन इस बार जिला भर के 331 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया था। पिछले साल की भांति इस बार जहां नए 26 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया था। वहीं, इस बार देवी-देवताओं की संख्या पिछले वर्ष की भांति 40 बढ़ी है। उत्सव में 278 देवी-देवता पहुंचे हैं। जबकि पिछले वर्ष तक संख्या 238 थी। हालांकि इस बार बिना निमंत्रण के तीन देवता भी अनूठे देव समागम में पहुंचे हैं। 
PunjabKesari

1661 से देवी-देवता ले रहे उत्सव में भाग

बता दें कि 1661 के बाद वर्ष 2013 में पहली बार रिकॉर्ड देवी-देवताओं ने दशहरा उत्सव में शिरकत की । वैसे तो दशहरा उत्सव की शुरुआती वर्ष 1661 में जिला भर के 365 देवी-देवताओं के शिरकत करने से हुई थी, लेकिन उसके बाद देवी-देवताओं को दशहरा में आने की छूट दी गई। वर्ष 2004 में मात्र 101 देवी-देवता दशहरा उत्सव में आते थे। 2005 में संख्या 93 ज्यादा पहुंच गई थी। इसके बाद देवी-देवता की संख्या बढऩी लगी है। लिहाजा, देवआस्था कुल्लूवासियों में कायम हैं। बता दें कि न जाने कितनी पीढ़ियां बीत गई दशहरा उत्सव में अपने अपने देवी देवताओं को लाते हुए। पूर्वजों ने पहले अपने देवी-देवताओं को दशहरा उत्सव में लाने की रिवायत को जिंदा रखा जो आज भी जिंदा है।  
PunjabKesari

सैकड़ों साल पुराने कुल्लू दशहरा उत्सव आज भले ही आधुनिकता के रंग में रंग गया हो लेकिन देव रिवायत में देव समाज से जुड़े लोगों ने आंच नहीं आने दी। आज भी इस उत्सव को देव महाकुंभ के नाम से देश और दुनिया में जाना जाता है। 1661 इस्वी से लेकर आज तक जिला कुल्लू के देवी देवता दशहरा उत्सव में शिरकत करते आ रहे हैं। देवी-देवताओं के हारियानों की न जाने कितनी पीढ़ियां बीत गई, लेकिन आज भी दशहरा उत्सव में आने की रिवायत को छोड़ा नहीं और न ही इस आधुनिकता के रंग में रंगने दिया। इस बार जिला प्रशासन के रिकॉर्ड में 278 देवी-देवता दर्ज हुए हैं। देवी-देवताओं कारकूनों को टैंट मुहैया करवाने का दौर दूसरे भी जारी रहा वीओ-देवता पंचवीर गांव कंडी बंजार खंड के पुजारी विनोद वीर ने बतााय कि वो दशहरा उत्सव में पहली बार आए है।
PunjabKesari

भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि यह खुशी की बात है कि दशहरा उत्सव में हर साल देवी-देवताओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि मेरी चिंता कुछ और है और 331देवी देवताओं को निमंत्रण भेजा है और पूराने देवी-देवता दशहरा उत्सव में 360 देवी देवताओं का दशहरा उत्सव में संबध था उसमें से 60,70 देवी-देवता नहीं आते है। उन्होंने कहा कि आए का साधन बंद हो जाएगा तो फिर देवी देवताओं का खर्च कहां से पूरा करेंगे। इस लिए यह चिंता का विषय है और इसका निराकरण होना चाहिए।
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Ekta

Recommended News

Related News