बघाट बैंक का गजब कारनामा: 32 लाख के ऋण पर लगाया 76 लाख का ब्याज, 10 साल तक सिक्योरिटी गार्ड की सैलरी भी जोड़ दी
punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 11:29 AM (IST)
सोलन (पाल): बघाट बैंक के ऋण की रिकवरी की सुनवाई कर रहे सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं (एआरसीएस) भी एक मामले को देखकर हैरान रह गए, जिसमें बैंक ने ऋण की मूल राशि से कई गुना अधिक ब्याज ही लगा दिया। कंडाघाट क्षेत्र के ऋणधारक ने मशरूम प्लांट के लिए बघाट से करीब 32 लाख रुपए का ऋण लिया था। आज वह ऋण 1.08 करोड़ रुपए हो गया है। इसमें 76 लाख रुपए बैंक ने ब्याज लगाया हुआ है। जब ऋणधारक एआरसीएस की अदालत में पेश हुआ तो उन्होंने कहा वह ऋण का भुगतान करने के लिए तैयार है, लेकिन ऋण राशि 1.08 करोड़ रुपए हो गई है। इसमें ब्याज बैंक ने किस आधार पर 76 लाख रुपए जोड़ा है। यह उन्हें आज तक बैंक ने नहीं बताया है। यह देखकर एआरसीएस भी चकरा गए, क्योंकि जिस ब्याज दर पर उन्होंने बैंक से ऋण लिया तो उससे ब्याज की राशि इतनी अधिक नहीं हो सकती थी। इस पर उन्होंने वहां पर मौजूद बैंक की प्रतिनिधि से पूछा तो उन्होंने बताया कि बैंक ने ऋणधारक के मशरूम प्लांट को कब्जे में लिया था। वहां पर सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती की गई थी। उसे हर माह दिए गए वेतन को इसमें जोड़ा है। करीब 10 वर्ष तक कर्मचारी की वहां पर तैनाती की गई। इस पूरे खर्चे को इसमें जोड़ा गया है। इस पर एआरसीएस का कहना था कि इससे अच्छा तो बैंक उस प्लांट की कुर्की कर अपने ऋण की रिकवरी कर लेता, क्यों एनपीए को बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि वह बैंक के इस ब्याज से संतुष्ट नहीं हैं। इसलिए उन्होंने ऋणधारक को कहा कि वह उनके पास अपील करते हैं तो वह इस मामले की जांच करेंगे। इस पर ऋणधारक ने कहा कि वह अपील करेंगे और जो ऋण की राशि बनेगी उसे जमा कर देंगे।
अश्वनी खड्ड में 8 बीघा भूमि पर बैंक ने दिया 4.85 करोड़ रुपए का ऋण
बघाट बैंक ने नियमों को ताक पर रखकर कई ऋण मंजूर किए हैं। ऋण की रिकवरी को लेकर एआरसीएस की विशेष अदालत में इसके खुलासे हो रहे हैं। सोलन के अश्वनी खड्ड में 8 बीघा भूमि पर बैंक ने 4.85 करोड़ रुपए का ऋण दे दिया। यह ऋण अब एनपीए हो गया है। एआरसीएस की अदालत में इस मामले की भी सुनवाई हुई। इसमें ऋणधारक के साथ गारंटर भी उपस्थित हुए। एआरसीएस ने सभी को निर्देश दिए कि या तो ओटीएस से ऋण का भुगतान करें नहीं तो ऋणधारक के साथ गारंटर की भी संपत्ति को अटैच किया जाएगा। हालांकि बैंक द्वारा इस कार्रवाई को किया भी जा रहा है। जिस जमीन के आधार पर यह ऋण दिया गया है, उससे इसकी वसूली संभव नहीं है। इसलिए इस मामले में गारंटर की संपत्ति को अटैच किया जाएगा।
एआरसीएस ने डिफाल्टर को कहा-जेल जाने को तैयार रहे
बघाट बैंक के एक ऋण डिफाल्टर को एआरसीएस ने कहा कि ऋण का भुगतान करें या तो फिर जेल जाने को तैयार रहे। हुआ यूं कि एक ऋण डिफाल्टर जिन्होंने बैंक से करीब 18 लाख रुपए का ऋण लिया हुआ था, लेकिन भुगतान नहीं कर रहा है। बैंक ने ऋण के लिए एक बिस्वा या इससे कम जमीन को गिरवी रखा हुआ है। इससे ऋण की वसूली होना संभव नही है। उनसे एआरसीएस ने ऋण का भुगतान करने को कहा। यदि आप नहीं देंगे तो गारंटर देंगे। इस पर ऋणधारक का कहना था कि उनका गारंटर तो अब चला गया है और उनके पास तो कुछ भी नहीं है। इस पर एआरसीएस ने कहा फिर जेल जाने को तैयार रहें। एआरसीएस ने उनके ट्रक जब्त करने के आदेश जारी किए, ताकि बैंक अपने ऋण की वसूली कर सके।
ऋण डिफाल्टर का 10 लाख रुपए का चैक हुआ बाऊंस
कंगाली में आटा गीला। बघाट बैंक की कुछ ऐसी स्थिति हो गई है। एक ऋण डिफाल्टर द्वारा बैंक को दिया गया 10 लाख रुपए का चैक बाऊंस हो गया है। बैंक ने सम्बन्धित डिफाल्टर को इस चैक की राशि को जमा करवाने के निर्देश दिए हैं, नहीं तो चैक बाऊंस का मामला दर्ज करवाया जाएगा। इस तरह से तो बैंक को अपनी रिकवरी करना मुश्किल हो जाएगा।
4 संपत्तियों को अटैच करने के आदेश
एआरसीएस सोलन ने वीरवार को हुई सुनवाई में 4 ऋण डिफाल्टर व गारंटरों की संपत्तियों को अटैच करने के आदेश दिए हैं। यही नहीं, 3 डिफाल्टर की गाड़ियों को भी जब्त करने को कहा है।
एक ऋण धारक ने जमा किए 25.90 लाख रुपए
बघाट बैंक के लिए यह सबसे बड़ी राहत की खबर है कि एक ऋणधारक ने एआरसीएस की अदालत में अपनी ऋण की पूरी राशि को जमा कर दिया है। उन्होंने 25.90 लाख रुपए का चैक बैंक को दिया। इसके अलावा 2 अन्य डिफाल्टरों ने भी 50,000 व 20,000 रुपए नकद जमा किए।
ऋण जमा करने के लिए दिया एक महीने का समय
एआरसीएस सोलन गिरीश नड्डा ने बताया कि वीरवार को उनकी अदालत में करीब 49 मामलों की सुनवाई थी। इनमें से 34 मामलों में ऋण की रिकवरी की सुनवाई की गई। इसमें अधिकांश ने ओटीएस से अपना ऋण जमा करने का अवसर मांगा है। इन सभी को एक महीने का समय दिया गया है। इसके अलावा 4 संपत्तियों को अटैच करने व 2 गाड़ियों को जब्त करने के आदेश दिए गए हैं।

