यदि विधानसभा ऑनलाइन नहीं हो सकती तो किस बात का डिजिटल इंडिया : अभिषेक

punjabkesari.in Tuesday, Dec 01, 2020 - 02:05 PM (IST)

हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के सोशल मिडिया चेयरमैन अभिषेक राणा ने कहा कि एक तरफ जहां किसान अपने भविष्य के लिए सड़कों पर जूझ रहा है वहीं दूसरी तरफ भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज को भी दबाने की कोशिश में है। अभिषेक ने सरकार को आड़े हाथों लेते कहा कि हिमाचलवासियों कि आवाज कांग्रेस के विधायक अब जनता की समस्याओं को विधानसभा में न रख पायें जिसके लिए सरकार सत्र को लेकर अपनी स्तिथि स्पष्ट नहीं कर रही। कोरोना की वजह से जहां समाजिक दूरी रखने की नसीहत देने वाले भाजपा नेता सत्र शुरू नहीं करवा रहे वहीं दूसरी ओर खुद की रैलियों में वह सभाओं में हजारों की संख्या में लोगों को एकत्रित करते हैं व सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ाते हैं। 

एक तरफ यदि मान भी लिया जाए कि कोरोना की वजह से सामाजिक दूरी रखना सही है और इस परहेज से सत्र बैठाना भी उचित नहीं होगा। लेकिन टेक्नोलॉजी के दौर में जब कक्षाएं व सुप्रीम कोर्ट भी ऑनलाइन कार्य कर रही है और देश के बड़े-बड़े संस्थान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा चल रहे हैं ऐसे में विधानसभा सत्र यदि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तथा ऑनलाइन माध्यम से पूरा किया जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तो डिजिटल इंडिया का नारा दे रहे हैं। सरकारी कामों में ऑनलाइन और पारदर्शिता बरतने की बात की जा रही है। मालदीव, यूके के साथ साथ कई अन्य देशों के संसद भी ऑनलाइन चल रहे हैं तो फिर भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश में इसकी तर्ज़ पर विधानसभा ऑनलाइन क्यों नहीं हो सकती। सत्र न बैठने से न केवल विपक्ष और सरकार का समय खराब हो रहा है बल्कि विपक्ष भी जनता की समस्याएं सरकार के आगे नहीं रख पा रहा जिसका सीधा असर प्रदेश की जनता पर पड़ रहा है। यदि ऑनलाइन तकनीकों का जनता की भलाई व लोकतंत्र के लिए ही प्रयोग न हुआ तो ये डिजिटल इंडिया भी मात्र एक नारा है जिसका धरातल पर कोई अस्तित्व नहीं है।
 


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prashant sharma

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