हिमाचल में घाटे वाले रूट बंद करेगा HRTC, निजी बसों को चलाने की अनुमति देगी सरकार

punjabkesari.in Saturday, Dec 06, 2025 - 05:42 PM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। बसों की कमी और कई रूटों पर हो रहे लगातार घाटे के चलते निगम ने अब कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली है। एचआरटीसी को करोड़ों के नुक्सान से बचाने के लिए अब घाटे में चल रहे रूटों को बंद करने का फैसला लिया गया है।निगम की योजना के मुताबिक जिन रूटों पर एचआरटीसी अपनी बसें बंद करेगा, वहां यात्रियों को परेशानी न हो, इसके लिए सरकार निजी बस ऑप्रेटरों को परमिट जारी करेगी। इससे एक तरफ जहां निगम का घाटा कम होगा, वहीं दूसरी तरफ आम जनता को परिवहन की सुविधा सुचारू रूप से मिलती रहेगी।

तारादेवी डिपो में सबसे ज्यादा बसाें की कमी
प्रदेश में एचआरटीसी के पास बसों का बड़ा टोटा चल रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 3158 बसें उपलब्ध हैं। इनमें से केवल 2945 बसें ही सड़काें पर दौड़ रही हैं। तारादेवी डिपो में स्वीकृत बेड़े से 30 बसें कम हैं। इसके अलावा ढली में 23 और रोहड़ू में 20 बसों की कमी दर्ज की गई है।

ड्राइवरों के 732 पद खाली
बसों के साथ-साथ निगम ड्राइवरों की भारी कमी से भी जूझ रहा है। सरकार द्वारा स्वीकृत 4584 पदों के मुकाबले वर्तमान में केवल 3852 ड्राइवर ही सेवाएं दे रहे हैं। यानी कुल 732 ड्राइवरों की कमी है। रामपुर डिपो में स्थिति सबसे गंभीर है, जहां 60 ड्राइवरों की कमी है। इसके अलावा ढली में 49, तारादेवी और रोहड़ू में 46-46 ड्राइवरों की कमी है। इसके अलावा परवाणू और नालागढ़ डिपो भी स्टाफ की कमी से प्रभावित हैं।

जल्द होगी ड्राइवरों की भर्ती : अजय
एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि बेड़े में जो कमी दिख रही है, उसका एक बड़ा कारण 15 साल पुरानी बसों को कंडम घोषित करने की प्रक्रिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि ड्राइवरों की कमी को पूरा करने के लिए निगम जल्द ही नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा।


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Vijay

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