108 व 102 के कर्मचारियों की हड़ताल से चरमराईं स्वास्थ्य सेवाएं

punjabkesari.in Tuesday, Jun 26, 2018 - 08:17 PM (IST)

सोलन (नरेश): राष्ट्रीय एम्बुलैंस सेवा 108 व 102 के पायलट व नर्सिंग स्टाफ के अचानक  हड़ताल पर चलने जाने से रोगियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस हड़ताल का प्रदेशभर में व्यापक असर देखने को मिला। इसके कारण अस्पतालों की आपातकालीन सेवाएं ही प्रभावित हो गईं। स्थिति यह हो गई कि रोगियों को अस्पताल तक पहुंचाना ही मुश्किल हो गया। मंगलवार करीब 12 बजे से 108 व 102 एम्बुलैंस सेवा के पायलट व नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए और एम्बुलैंस को अस्पताल के बाहर खड़ा कर दिया।
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निजी वाहन व टैक्सियों से अस्पताल पहुंचाए रोगी
प्रदेश में 192 (108) और 125 (102) एम्बुलैंस वाहन हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद ये सभी गाडिय़ां अस्पतालों के बाहर खड़ी हो गईं, जिस कारण रोगियों को अस्पताल पहुंचने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा। तीमारदारों को निजी वाहन या फिर टैक्सियों से रोगी अस्पताल में पहुंचाने पड़े।
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बैठक के बाद वापस ली हड़ताल
हड़ताल के दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के प्रबन्ध निदेशक पंकज राय की अध्यक्षता में नैशनल एम्बुलैंस सर्विस कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी व प्रदेश में 108 एम्बुलैंस सर्विस चला रही जी.वी.के. कंपनी के  अधिकारियों के साथ बैठक हुई। इसमें कर्मचारियों की मांगों को मानने के लिए जी.वी.के. के अधिकारियों को 5 जुलाई तक का समय दिया गया। प्रबन्ध निदेशक की अध्यक्षता में बैठक में दोनों पक्षों में समझौता होने के बाद यूनियन ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को वापस ले लिया।
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अधिकारियों ने खारिज किए कर्मचारियों के आरोप
दोपहर 3 बजे के आसपास प्रदेश में 108 व 102 एम्बुलैंस सेवा फिर से बहाल हो गई। प्रदेश में करीब 3 घंटे चली इस हड़ताल के कारण रोगियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। उधर, जी.वी.के. कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों की मांगों को सुन लिया गया है, जिस पर विचार किया जाएगा। अधिकारियों ने कर्मचारियों द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
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कर्मचारी यूनियन की ये हैं प्रमुख मांगें
- ड्यूटी का समय निर्धारित नहीं है, उन्हें 12 से 48 घंटे तक भी ड्यूटी करनी पड़ रही है।
- वेतन समय पर नहीं मिल रहा है।
- 3 वर्ष से वेतन में कोई इन्क्रीमैंट नहीं लगी है।
- पी.एफ. का कोई सिस्टम नहीं है।
- गाड़ियों की मैंटीनैंस की ओर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
- सैलरी स्लिप भी नहीं मिल रही है।
- अपने हक के लिए आवाज उठाने वाले कर्मचारी को नौकरी से निकाला जा रहा है।


7 जुलाई को अगली होगी बैठक
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशक पंकज राय ने कहा कि 108 व 102 एम्बुलैंस कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है। यूनियन व जी.वी.के. कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी जिसके बाद कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल को वापस ले लिया। दोनों पक्षों के साथ 7 जुलाई को अगली बैठक होगी।


...तो फिर से हड़ताल पर चले जाएंगे कर्मचारी
नैशनल एम्बुलैंस सर्विस कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष पूर्ण चंद ने बताया कि नैशनल एम्बुलैंस सर्विस कर्मचारी यूनियन ने प्रदेश में 108 एम्बुलैंस सर्विस चला रही जी.वी.के. कंपनी को मांगें मानने के लिए 5 जुलाई का समय दिया है। एन.आर.एच.एम. के प्रबन्ध निदेशक की अध्यक्षता में यूनियन व जी.वी.के. के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि प्रबन्ध निदेशक की अध्यक्षता में 7 जुलाई को दोनों पक्षों की एक बार फिर बैठक होगी। यदि उनकी मांगें नहीं मानीं गईं तो वे 7 जुलाई से फिर से हड़ताल पर चले जाएंगे।


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Vijay

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