हिमाचल में वेंटिलेटर पर हैं स्वास्थ्य सेवाएं, बजट में स्वास्थ्य को मिले प्राथमिकता: अभिषेक

punjabkesari.in Tuesday, Feb 23, 2021 - 04:20 PM (IST)

हमीरपुर : हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों व स्वास्थ्य सेवाओं का अकाल पड़ चुका है। यह कहना है हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के चेयरमैन अभिषेक राणा का। अभिषेक ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की जर्जर हालत है एवं प्रदेश के जाने-माने अस्पताल भी रेफरल सेंटर बन चुके हैं, हर पांचवां मरीज चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया जाता है। जिले के सरकारी अस्पतालों में कोई भी सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई है। यदि कोई मरीज गंभीर रूप से अस्पताल में आता है तो उसे अधिकतर मामलों में चंडीगढ़ पीजीआई भेज दिया जाता है। आम जनता ही नहीं प्रदेश के बड़े-बड़े दिग्गज नेता भी अपने इलाज को लेकर दूसरे शहरों पर निर्भर हैं। हाल ही में जब भाजपा वरिष्ठ नेता एवं हिमाचल से संबंध रखने वाले जेपी नड्डा के पिता की तबीयत खराब हुई थी उनको भी प्रदेश में समय पर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाई थी। 

यहां पर जिन जवानों को सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त मुहैया करवाई जाती हैं वह भी उन स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते क्योंकि प्रदेश में आधुनिक स्वास्थ्य उपकरणों और दवाइयों की अत्याधिक कमी है और स्टाफ भी नहीं है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर आ गई हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी का होना भी इसका मुख्य कारण है। इसका सबसे बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, मरीजों को। राणा ने बताया कि इलाज के लिए डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के चलते यहां से मरीज को पीजीआई भेजा जाता है। इस तकलीफ भरे ट्रांसपोर्टेशन के दौरान गंभीर मरीज बीच रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। लिहाजा अब लोग प्राइवेट अस्पतालों की तरफ रूख कर रहे हैं, जो निजी अस्पतालों के महंगे इलाज का बोझ नहीं उठा पाते। उनकी हालत सबसे खराब है। 

राणा ने प्रदेश के सरकारों अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है, लेकिन संक्रमण से बचाव के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नहीं हैं। प्रदेश में ऐसे कई उदाहरण हैं जो दर्शाता है कि प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। यह सोशल मीडिया और अखबारों के माध्यम से लगातार सामने आ रहा है। यही हालात रहे तो हो सकता है कि जनता को सड़कों पर उतरना पड़े। कांग्रेस की तरफ से बार-बार मांग करने पर भी यहां की स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं नजर आता वह यह व्यवस्थाएं दिन प्रतिदिन चरमरा की जा रही हैं। हम सरकार से यह मांग करते हैं कि इस बार बजट में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक से अधिक प्राथमिकता दी जाए ताकि हिमाचल का आमजन इलाज के अभाव में दम न तोड़े एवं समाज के हर वर्ग चाहे वह अमीर है या गरीब सबको सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हों। 
 


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Content Writer

prashant sharma

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