अपने नालायक बेटे की बजाय पड़ोसी के लायक बेटे का दें साथ : वीरभद्र

punjabkesari.in Monday, Sep 04, 2017 - 10:54 PM (IST)

हमीरपुर : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भाजपा पर हमला करते हुए भाजपा को नालायक और कांग्रेस को लायक बेटे की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि अपना नालायक बेटा हमीरपुर के लिए कुछ नहीं कर पाया जबकि लायक बेटा ही हर बार उनके दुख-दर्द को सांझा करता आया है। इसलिए अगले चुनाव में भी अपने नालायक बेटे की बजाय पड़ोसी के लायक बेटे का साथ देकर कांग्रेस को पुन: सत्ता पर काबिज करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश व हमीरपुर का विकास केवल कांग्रेस सरकारों ने करवाया है। इसमें भाजपा का बिल्कुल योगदान नहीं है। जिला हमीरपुर के दूसरे दिन के प्रवास पर ब्राह्लड़ी व लंबलू में आयोजित जनसभाओं में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार उनके पीछे हाथ धोकर पड़ी है। साढ़े 4 साल में उनके खत्म हो चुके केसों को दोबारा खुलवाया है। ऐसा सब कुछ उन्हें बेवजह परेशान करने के लिए किया गया है मगर वह इससे डरने वाले नहीं हैं। बिलासपुर में प्रस्तावित एम्स संस्थान का अब तक शिलान्यास भी न होने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा व सांसद अनुराग ठाकुर पर प्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाया कि इन दोनों भाजपा नेताओं की लड़ाई के कारण एम्स का कार्य लटका हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस ने एम्स के लिए भूमि संबंधी सारी औपचारिकताएं पूरी कर दी हैं मगर अब एम्स का निर्माण करना या न करना केंद्र सरकार के पाले में है। उन्होंने कहा कि भाजपा विचारधारा नहीं अपितु तुक्केबाजी की राजनीति आज दिन तक करती आई है। क्षेत्रवाद व जातिवाद की राजनीति करके वोट बटोरती है मगर उनके दिन लद गए हैं। अब लोग तरक्की पसंद व लोगों के काम करने वाले लोगों को राजनीति में देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह जो भी घोषणाएं करते हैं, उन्हें पत्थर की लकीर की तरह पूरा भी करते हैं। जो बोलता हूं, वह करके दिखाता हूं।  

केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में केंद्र दे विशेष धनराशि : वीरभद्र
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने नीति आयोग द्वारा निधि के पैटर्न पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नीति आयोग के गठन से पहले राज्य 90:10 के अनुपात में केंद्रीय सहायता तथा विशेष श्रेणी पर्वतीय राज्य का दर्जा प्राप्त कर रहा था। उन्होंने कहा कि अब आयोग के बनने के बाद राज्य के लिए केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में धनराशि को काफी कम कर दिया गया है और विशेष औद्योगिक पैकेज को भी रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य को योजना आयोग के बंद होने से पूर्व यू.पी.ए. के शासनकाल में 2767 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई थी लेकिन केंद्र में एन.डी.ए. की सरकार सत्ता में आने के बाद अब सहायता बंद कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्यों के विकास के लिए समान रूप से धनराशि प्रदान करना  केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय राज्यों को इनकी कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अलग से धनराशि का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने इस प्रकार के सभी प्रावधानों की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि राज्य को वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 के दौरान सामान्य केंद्रीय सहायता शीर्ष के अंतर्गत कोई धन प्राप्त नहीं हुआ है। 


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