सरकार ने मांगें पूरी करने का दिया आश्वासन, डाॅक्टरों का आंदोलन स्थगित

punjabkesari.in Wednesday, Mar 13, 2024 - 10:31 PM (IST)

शिमला (संतोष): 56 दिनों से काले बिल्ले और 23 दिनों से अढ़ाई घंटे की पैनडाऊन स्ट्राइक कर रहे प्रदेश के डाॅक्टरों की जायज मांगों को सरकार ने मान लिया है और अब डाॅक्टरों ने एचएमओए के आह्वान पर अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। डाॅक्टर गुरुवार से अब अस्पतालों में नियमित रूप से सेवाएं देंगे और सुबह से ओपीडी में उपलब्ध होंगे, वहीं रूटीन के ऑप्रेशन भी सुबह से ही होने आरंभ हो जाएंगे। बुधवार को हिमाचल प्रदेश चिकित्साधिकारी संघ की बैठक स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डाॅ. धनीराम शांडिल के साथ शिमला में आयोजित हुई, जिसमें डाॅक्टरों की सभी मांगों को गौर से सुना गया और उन्हें पूरा करने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, स्वास्थ्य सचिव एम.सुधा देवी व स्वास्थ्य निदेशक डाॅ. गोपाल बेरी भी उपस्थित रहे। बैठक में संघ के अध्यक्ष डाॅ. राजेश राणा, महासचिव डाॅ. विकास ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डाॅ. अनुपम बधन, उपाध्यक्ष डाॅ. अंजलि चौहान, संयुक्त सचिव डाॅ. सुनीश चौहान, कोषाध्यक्ष डाॅ. प्रवीण चौहान, प्रैस सचिव डाॅ. विजय राय और प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रतिनिधि एवं संघ की कार्यकाल समिति के सदस्य मौजूद रहे।

संघ को दिया 3 माह का समय 
बैठक में एलोपैथिक डाॅक्टरों को एनपीए को जारी रखने की बात कही गई है जबकि अन्य मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया गया है। इसके लिए संघ को 3 माह का समय दिया गया है और सभी मांगों को चरणबद्ध तरीके और कैबिनेट में ले जाकर पूर्ण किया जाएगा ताकि डाॅक्टरों की मांग जल्द पूरी की जा सके। संघ के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. राजेश राणा, महासचिव डाॅ. विकास ठाकुर ने कहा कि संघ पिछले लंबे समय से इन जायज मांगों को लेकर संघर्षरत रहा है और स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई बैठक में उनकी मांगों को मान लिया गया है। संघ की सभी मांगें मान लेने के लिए संघ ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. कर्नल धनीराम शांडिल एवं मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी का आभार प्रकट करता है। डाॅक्टर अब पूर्ण हर्षोल्लास से गुरुवार से अपनी रूटीन सेवाएं प्रदान करेंगे।

समिति गठित, रिपोर्ट के आधार पर लेंगे निर्णय : शांडिल
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डाॅक्टर कठिन परिस्थितियों में निरंतर जनसेवा का दायित्व निभा रहे हैं और सरकार उनकी जायज मांगों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के मनोबल को बनाए रखने के लिए एवं उनके हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार आवश्यक एवं व्यावहारिक निर्णय लेती रहेगी। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों का डायॉनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन सुनिश्चित करने के दृष्टिगत समिति का गठन किया गया है। उसकी रिपोर्ट के आधार पर डाॅक्टरों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए आगामी निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों को पोस्ट ग्रैजुएशन शुरू करने से पूर्व जो अनिवार्य समय सीमा का प्रावधान है, उसे कम करने को लेकर नियमों व कानूनी पहलुओं पर अध्ययन कर निर्णय लिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डाॅक्टरों व पैरा-मेडिकल कर्मचारियों के पदों को आवश्यकतानुसार भरना सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा चिकित्सकों को नियुक्ति स्थल पर आवासीय सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। बैठक में डाक्टरों की एसीआर प्रक्रिया को मानव सम्पदा के एसीआर पोर्टल के माध्यम से पूरी तरह से ऑनलाइन करने पर भी सहमति बनी।
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Content Writer

Vijay

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