हिमाचल के परवाणु और ऊना में स्थापित होंगी फूल मंडियां : कृषि मंत्री

punjabkesari.in Thursday, Sep 23, 2021 - 03:20 PM (IST)

ऊना (अमित शर्मा) : जिला के साथ-साथ प्रदेश भर में फूलों की खेती से जुड़े किसानों को बाहरी राज्यों की मंडियों में फूल बेचने के लिए खाक छानने से निजात मिलने वाली है। जिसके लिए प्रदेश सरकार जल्द ही प्रदेश के अंदर सीमांत क्षेत्रों में दो फूल मंडियों की स्थापना करने जा रही है। जिनमें से एक मंडी ऊना जिला जबकि दूसरी सोलन जिला के सीमांत कस्बा परवाणू में स्थापित की जाएगी। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में पॉलीहाउस योजना को लागू करने के साथ ही हजारों की संख्या में किसानों ने फ्लोरीकल्चर की तरफ रुख किया था। हालांकि उन्हें अपने उत्पादों की बिक्री के लिए बाहरी राज्यों की मंडियों में काफी माथापच्ची करनी पड़ती है। ऐसे में हिमाचली किसानों को सरलता और सहजता से मंडी में उपलब्ध करवाने के लिए हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग ने कवायद तेज कर दी है। यह खुलासा कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज ऊना में जिला कृषि उपज मंडी समिति की हुई बैठक के बाद किया। 

जिला भर में फूलों की खेती से जुड़े कृषि कारोबारियों के लिए आने वाले समय में अपनी पैदावार को बेचने हेतु अन्य राज्यों की मंडियों में खाक छानने से छूट मिलने वाली है। प्रदेश के कृषि मंत्रालय ने फूलों की खेती करने वाले किसानों को मंच प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए जल्द ही यहां पर फूल मंडियों की स्थापना का फैसला लिया है। यह जानकारी कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज सब्जी मंडी ऊना में आयोजित कृषि उपज मंडी समिति की बैठक के दौरान दी। इस बैठक में छठे वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, गगरेट के विधायक राजेश ठाकुर और कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष बलबीर बग्गा भी मौजूद रहे। बैठक के दौरान जिला ऊना में सब्जी, अनाज और फूल मंडी के निर्माण को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जिला ऊना में परंपरागत फसलों के साथ-साथ नकदी फसलों का भी अच्छा कारोबार किया जा रहा है। जिसके चलते ऊना में  जल्द ही एक बड़ी अनाज और सब्जी मंडी के साथ-साथ फूल मंडी भी स्थापित की जाएगी। जिसके लिए संभावनाओं की तलाश शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय से सटे रामपुर में 9.50 करोड़ रुपए की लागत से मंडी के भवन का निर्माण किया जाएगा। वहीँ कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में जब पॉलीहाउस की योजना की शुरुआत की गई थी उस समय सैकड़ों की संख्या में किसान फूल उत्पादन के क्षेत्र में आगे आए थे। हालांकि किसानों को फूलों की बिक्री के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। लेकिन भविष्य में फूलों की खेती से जुड़े किसानों को ऐसी समस्याओं से न जूझना पड़े इसके लिए प्रदेश के परवाणु और ऊना में फूल मंडियों की स्थापना को लेकर फैसला लिया गया है।
 


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prashant sharma

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