नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने मनाया पहला दीक्षांत समारोह, मेधावी विद्यार्थियों को प्रदान की डिग्रियां

punjabkesari.in Saturday, Nov 19, 2022 - 07:30 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी का पहला दीक्षांत समारोह 2022 का आयोजन शनिवार को एडवैंचर रिसॉर्ट्स, न्यू कुफरी शिमला में किया गया। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, विश्वविद्यालय के कार्यकारी व अकादमिक परिषद के सदस्य और हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश इस अवसर पर उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह में देशभर के विभिन्न राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (लॉ यूनिवर्सिटी) के कुलपतियों ने भी भाग लिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय और विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और दीक्षांत भाषण दिया। न्यायमूर्ति अमजद अहतेशाम सैयद मुख्य न्यायाधीश, प्रदेश उच्च न्यायालय और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ने डिग्रियां प्रदान कीं। इस दौरान विश्वविद्यालय ने देशभर के चार जाने-माने न्यायविदों को मानद उपाधि प्रदान की। इस दौरान पीएचडी कानून में एक डिग्री, 108 एलएलएम डिग्री, 157 बीए, बीबीए एलएलबी की डिग्री प्रदान की गई। इस समारोह में 18 स्वर्ण पदक और पुरस्कार भी प्रदान किए गए। 

छात्रों को करियर के रूप में कानून का महत्व बताया
इस कार्यक्रम में न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मंसूर अहमद मीर ने भाग लिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने अपने दीक्षांत भाषण में छात्रों को प्रेरित किया और करियर के रूप में कानून के महत्व के बारे में बताया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि कानून सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक है, जो समाज के मानक, संरचनात्मक और कार्यात्मक चरित्रों को आकार देता है। यह सामान्यता और असामान्यता को परिभाषित करता है। उन्होंने कहा है कि यह विषय जांच और संतुलन स्थापित करता है जो कानून के शासन और न्यायपूर्ण और निष्पक्ष समाज के लिए आधारशिला हैं। निष्ठा जसवाल कुलपति, एचपीएनएलयू सहित परीक्षा नियंत्रक डॉ. चंचल कुमार सिंह, प्रोफैसर एसएस जसवाल, कुलसचिव एचपीएनएलयू के सहयोग से दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। 

न्यायाधीश सूर्यकांत को दी डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी कानून की उपाधि 
इस दौरान भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश सूर्यकांत को कानून के डॉक्टरेट ऑफ फिलोसॉफी की उपाधि से सम्मानित किया गया। न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यम न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता, पूर्व न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय और न्यायमूर्ति मंसूर अहमद मीर, पूर्व मुख्य न्यायाधीश हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय को विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट ऑफ फिलोसॉफी ऑफ लॉ की उपाधि से सम्मानित किया गया।

इन्हें स्वर्ण पदक से किया गया सम्मानित
इस दौरान स्नातकोत्तर कार्यक्रम में अनुकरणीय शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए रूबी यादव (बैच 2017-18 पीजी), शगुन शर्मा (बैच 2018-19 पीजी), वर्षिका शर्मा (बैच 2019-20, पीजी), अनुष्का उकरानी (बैच 2020-21 पीजी) को स्वर्ण पदक दिया गया। स्नातक मे विश्वविद्यालय द्वारा कुल 6 स्वर्ण पदक दिए गए। इसमें डॉ. आशुतोष गोल्ड मैडल, श्याम सुंदर गोयल मैमोरियल गोल्ड मैडल, कुलपति गोल्ड मैडल, चांसलर गोल्ड मैडल और जस्टिस धर्म पॉल सूद गोल्ड मैडल सम्मान शामिल रहे। निखत जमाल को वर्ष 2016-21 बैच के दौरान 3 स्वर्ण पदक, प्रांजल शर्मा को 2016-21 बैच के लिए 2 स्वर्ण पदक के साथ एक फैलोशिप पुरस्कार दिया गया। केके लूथरा मैमोरियल गोल्ड मैडल सोनू खंडेलवाल को दिया गया। इसके अलावा 2017-22 के बैच में प्रियंका ठाकुर को गोल्ड मैडल व मानसी शर्मा को केके लूथरा मैमोरियल गोल्ड मैडल दिया गया। 

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Recommended News

Related News