लगघाटी के तारापुर कोठी में फागली उत्सव शुरू, देवता ने की भविष्यवाणी

punjabkesari.in Thursday, Feb 18, 2021 - 11:26 PM (IST)

कुल्लू (ब्यूरो): जिला मुख्यालय के साथ लगती लगघाटी के तारापुर कोठी में फागली उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। उत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवता के दर्शनों के लिए पहुंचे और आशीर्वाद लिया। यह उत्सव फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष के दिनों में मनाया जाता है। उत्सव में देवता गुर के माध्यम से वर्षभर की भविष्यवाणी भी करता है, साथ ही पूरे साल में होने वाली बड़ी घटनाओं के बारे में गुर के माध्यम से बताया जाता है। इस उत्सव में ग्रामीणों द्वारा शुद्ध घी देवता को चढ़ाया जाता है। फागली उत्सव में लोगों द्वारा अपने घरों में विभिन्न प्रकार के व्यंजन मेहमानों को परोसे जाते हैं, वहीं ग्रामीण इस उत्सव में अपने ज्येष्ठ पुत्र का मुंडन भी करते हैं। यह मेला तारापुर कोठी के आराध्य देवता कतरूसी नारायण के आशीर्वाद से विभिन्न गांवों में मनाया जाता है, जिसमें खोपरी, रोपड़ी और कतरूसी नारायण के निवास स्थान भल्याणी और जेठानी में यह उत्सव मनाया जाता है। हारियान भी देवता के दर्शन पाकर अपने-अपने घर को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लेकर जाते हैं और देवता से अपने परिवार की सुख-शांति की कामना करते हैं।
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उत्सव में रहता है नड़ जाति का विशेष योगदान

स्थानीय निवासी अशोक ने बताया कि फागली उत्सव के दौरान विशेष रूप से नड़ जाति का योगदान रहता है। आज के दिन देवता द्वारा भविष्यवाणी की जाती है और साथ ही वह अपने जीवन के बारे में भी बताते हैं कि किस प्रकार से उन्होंने अपना जीवन व्यतीत किया है और कैसे-कैसे देवताओं ने विपदाओं को झेला है। उन्होंने कहा कि हमारा सतयुग देवी-देवताओं के साथ संबंध है और हमारे बिना देवी-देवता का कार्य अधूरा माना जाता है, वहीं देवता के कारदार रूम सिंह नेगी ने कहा कि लगघाटी में फागली उत्सव हर्षोल्लास से मनाया जाता है। तारापुर कोठी के आराध्य देव कतरूसी नारायण के आशीर्वाद से इस मेले का शुभारंभ किया गया।
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मूल स्थान रोपड़ी पहुंचे देवता

बुधवार देर शाम को देवता अपने मूल स्थान रोपड़ी पहुंचे। रोपड़ी में इस त्यौहार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस उत्सव में तारापुर कोठी के सभी लोग देवता के दर्शन के लिए आते हैं। फागली उत्सव शुरू होने से पहले हवन-पाठ किया जाता है। वीरवार देर शाम को देवता भल्याणी जाएंगे और दूसरे दिन भल्याणी में भी फागली का आयोजन होगा। एक दिन विश्राम करने के बाद खोपरी नामक स्थान पर फागली उत्सव मनाया जाता है। पंचाली नारायण के मूल स्थान रूजग व ग्रामंग में त्रिजुगी नारायण के सम्मान में फागली उत्सव मनाया जाएगा।

अच्छी फसल की भविष्यवाणी की

कतरूसी नारायण ने गुर के माध्यम से भविष्यवाणी की कि इस वर्ष फसल अच्छी होगी और ओलावृष्टि भी होगी। बिजली महादेव में बिजली गिरने से सृष्टि का भला होगा। लाहौल के देवता राजा घेपन भी हारियानों से नाराज चल रहे हैं, वहीं माता हिङ्क्षडबा मनाली ने दशहरा उत्सव को लेकर नाराजगी जाहिर की है उसका भी निवारण करने के लिए कहा गया है। आदि ब्रह्मा खोखन भी अपने हारियानों से नाराज हैं। कतरूसी नारायण ने अपने पौत्र देवता क्षेत्रपाल को लेकर कहा कि देवता के कारकून से नाराजगी है अगर समय पर निपटारा नहीं हुआ तो बीमारी हो सकती है। देवता ने कहा कि इस साल 2 बार बर्फ बारी होगी।


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Content Writer

Vijay

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