सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ा, नाथपा झाकड़ी में लक्ष्य से अधिक हो रहा बिजली का उत्पादन
punjabkesari.in Sunday, May 26, 2024 - 12:39 PM (IST)
रामपुर बुशहर (विशेषर नेगी): सर्दियों में पहाड़ों पर बर्फबारी होने से जल विद्युत परियोजना निर्माताओं के अच्छे दिन आ गए हैं। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे पहाड़ों पर ग्लेशियर तेजी से पिघलने लगे हैं। इससे नदी-नालों का जलस्तर उम्मीद से अधिक हो गया है, ऐसे में जल विद्युत परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन भी लक्ष्य से अधिक हो रहा है। देश की सबसे बड़ी भूमिगत जल विद्युत परियोजना 1500 मैगावाट की नाथपा झाकड़ी से वर्तमान में हर रोज 1650 मैगावाट बिजली तैयार हो रही है। परियोजना से रोज लक्ष्य (35.2 मिलियन यूनिट) के मुकाबले अधिक (39.4 मिलियन यूनिट) बिजली तैयार हो रही है। इन दिनों नाथपा झाकड़ी परियोजना के बांध स्थल नाथपा नामक स्थान में सतलुज नदी का जलस्तर 800 क्यूमैक्स के आसपास है जबकि परियोजना की 6 विद्युत उत्पादन इकाइयों को चलाने के लिए 400 क्यूमैक्स पानी की आवश्यकता होती है। इस परियोजना से उत्पादित बिजली को उत्तरी ग्रिड से जुड़े राज्यों को सप्लाई किया जाती है। इस बार आशा से बढ़कर बिजली तैयार होने से उत्तरी भारत के लोगों को विद्युत कट का सामना कम करना पड़ रहा है। परियोजना निर्माताओं ने बताया कि एसजेवीएन को बने हुए 36 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं जबकि नाथपा झाकड़ी परियोजना को बने 21 वर्ष हुए हैं। उनका कहना है परियोजना के निर्माण के बाद अब तक 1 लाख 36 हजार 101 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा चुका है।
नाथपा झाकड़ी परियोजना के प्रमुख एवं कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार ने बताया 1500 मैगावाट की जल विद्युत परियोजना से बिजली उत्पादन में पिछले साल से बहुत बेहतर स्थिति में है। रोज 39.4 मिलियन यूनिट बिजली तैयार कर रहे हैं जबकि लक्ष्य 35.2 मिलियन यूनिट है। उन्होंने कहा कि परियोजना की 6 विद्युत उत्पादन इकाइयों को चलाने के लिए 400 क्यूमैक्स पानी की आवश्यकता होती है लेकिन आज की तिथि में लगभग 800 क्यूमैक्स पानी सतलुज नदी में है। उन्होंने बताया सतलुज नदी में सिल्ट भी कम है जिससे बिजली उत्पादन में दिक्कत नहीं आती। उन्होंने बताया कि एसजेवीएन के नाथपा झाकड़ी परियोजना से विद्युत उत्पादन अक्तूबर, 2003 से शुरू हुआ है। उन्होंने बताया कि नाथपा झाकड़ी हिंदुस्तान की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना है।
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