आजादी से पहले राजा भूरी की सोच से आई थी यहां बिजली, फिर सरकार की अनदेखी के चलते पिछड़ा

punjabkesari.in Saturday, Mar 23, 2019 - 11:40 AM (IST)

 चंबा (बयूरो) : कहते है किसी रियासत का विकास उस रियासत के राजा पर निर्भर करता था ,ऐसा ही चम्बा के राजा भूरी सिंह ने किया था। राजा भूरी सिंह द्वारा किए गए विकास को लेकर कोई नहीं भूल सकेगा। जिस राजा की सोच 1908 में इतनी एडवांस हो सकती हैं, उस राजा के विकास की गाथा क्या हो सकती है। आइए आज आपको हम हिमाचल प्रदेश के सबसे खूबसूरत ज़िला और 1908 के रियासत चम्बा की कहानी बताने जा रहा हैं।
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चम्बा जिला के राजा भूरी सिंह ने 1908 में चम्बा में 450 किलोवाट यानी आधा मेगावाट बिजली उत्पन करने की ठानी फिर क्या था राजा की मेहनत रंग लाई और चम्बा के बालू समीप 450 किलोवाट का पावर हाउस लगाया गया। इस पावर हाउस का रो मैटीरियल अंबाला से लाया गया था वो भी पैदल यात्रा करते हुए। अगर चम्बा ज़िला 1908 में अपने आप में स्मार्ट हो सकता है तो ऐसा क्या हो गया कि आज चम्बा ज़िला 100 साल के बाद पिछड़ा जिला बन गया। चंबा जिला के लोगों में इस बात को लेकर रोष है। स्थानीय लोगों की माने तो बिजली उत्पादन से चम्बा को 2200 करोड़ रुपया रेविन्यू मिलता है लेकिन इसके बदले में जिले को कुछ नहीं उल्टा चम्बा ज़िला देश के 115 पिछड़े जिला में शुमार हो गया।
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सरकार ने चम्बा भूरी सिंह पावर हाउस आउटसोर्स पर निजी कंपनी को दे दिया। कंपनी के निदेशक का कहना है कि उन्हें बहुत ख़ुशी है कि इतने पुराने प्रोजेक्ट को जब रेनोवेशन की जरूरत पड़ी तो सरकार ने उनकी कंपनी को आउटसोर्स पर दिया और हम इसे और बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। बहरहाल 1908 के बाद देश में लोकतंत्र प्रणाली शुरू हुई फिर सरकारें बनी बिगड़ी लेकिन ना देश के पहले पावर हाउस के बारे में न तो किसके ने सोचा और ना ही इसकी और ध्यान देना लाजमी समझा। खैर अब पावर हाउस को एक निजी कंपनी को दस साल कें लिए आउटसोर्स पर दे दिया गया है।


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kirti

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