शिमला: OPS को लेकर बोर्ड मुख्यालय व चौड़ा मैदान में गरजे बिजली बोर्ड के 10 हजार कर्मचारी व पैंशनर्ज
punjabkesari.in Thursday, Jan 11, 2024 - 09:34 PM (IST)

शिमला (राजेश): पुरानी पैंशन बहाली व प्रबंध निदेशक को बदलने की मांगों को लेकर बिजली बोर्ड कर्मचारियों, इंजीनियरों और पैंशनरों ने संयुक्त रूप से बोर्ड प्रबंधन व प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है। मांगों को लेकर करीब 10 हजार बिजली बोर्ड कर्मचारियों, इंजीनियरों व पैंशनरों ने मिलकर शिमला में मार्च निकाला और बोर्ड मुख्यालय व चौड़ा मैदान में प्रबंधन व सरकार के खिलाफ जोरदार धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड इम्प्लाइज एंड इंजीनियर के ज्वाइंट फ्रंट के पदाधिकारियों सहित प्रदेशभर से हजारों कर्मचारियों, अभियन्ताओं व पैंशनर्ज ने भाग लिया। इस दौरान कर्मचारियों ने मुख्यालय से लेकर चौड़ा मैदान तक मार्च भी निकाला। धरना प्रदर्शन के दौरान ज्वाइंट फ्रंट के अध्यक्ष ई. लोकेश ठाकुर, इम्प्लाइज यूनियन के प्रधान कामेश्वर शर्मा, पैंशनर्ज फोरम के चंद्र सिंह मंडयाल, तकनीकी यूनियन के लक्ष्मन कपटा, पूर्व प्रबंध निदेशक सुनील ग्रोवर, पूर्व बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष कुलदीप खरवाड़ा ने संबोधित किया और पुरानी पैंशन बहाल करने व स्थायी प्रबंध निदेशक नियुक्त करने की मांग की। इस अवसर पर फ्रंट से जुड़े संगठनों के पदाधिकारी ई. मुकेश राठी, ई. रेवती रमण, ई. दीपक चौहान, ई. तनुज गुप्ता, ई. सुमित आजाद, ई. सुरेंद्र कुमार और सुनील मौजूद रहे। वहीं आंदोलन का कर्मचारी व अभियंता की राष्ट्रीय समन्वय समिति के अध्यक्ष ई. शैलेन्द्र दुबे ने भी पुरजोर समर्थन किया।
बिजली कर्मी व अभियंता नहीं लेंगे फ्री बिजली, प्रदर्शन में रखा प्रस्ताव
फ्रंट के नेताओं ने धरना प्रदर्शन के माध्यम से बिजली बोर्ड की बिगड़ती वित्तीय स्थिति पर चिंता जताई और इसके कारणों पर भी चर्चा की। फ्रंट द्वारा प्रदेशभर से आए कर्मचारियों व अभियन्ताओं के बीच प्रस्ताव रखा गया कि बिजली कर्मचारी व अभियंता फ्री की बिजली नहीं लेंगे जिसका सभी द्वारा हाथ खड़ा कर पुरजोर स्वागत किया गया। फ्रंट का मानना है कि प्रदेश में एक ऐसा वर्ग है जिसको इस बिजली की सबसिडी की जरूरत रहती है। इनको इसे और बेहतर तरीके से दिया जा सकता है लेकिन बहुत बड़ा वर्ग ऐसा भी है जिसमें बिजली कर्मचारी भी आता है जिसे फ्री की बिजली की आवश्यकता नहीं रहती है।
मुख्यमंत्री ने 18 जनवरी को वार्ता के लिए बुलाया
धरना-प्रदर्शन के दौरान यूनियन व फ्रंट के पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का संदेश आया। मुख्यमंत्री ने संदेश में यूनियन, ज्वाइंट फ्रंट को 18 जनवरी को वार्ता के लिए बुलाया। इसके बाद फ्रंट ने सचिवालय की ओर मार्च निकालने के फैसले को भी टाला और चौड़ा मैदान की ओर रैली के रूप में प्रस्थान किया तथा अपने प्रदर्शन को वहां अगली बैठक तक स्थगित किया जो 18 जनवरी को शिमला में ही दोपहर बाद रखी गई है।
बिजली बोर्ड के पूर्व एमडी सुनील ग्रोवर भी धरने में शामिल
बिजली बोर्ड कर्मियों व अभियंताओं के इस प्रदर्शन में पैंशनरों के साथ पूर्व में बिजली बोर्ड के एमडी रहे सुनील ग्रोवर भी विशेष रूप से मौजूद रहे और कर्मियों काे संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रबंधन की नाकामियों की वजह से आज कर्मचारी व पैंशनर पहली तारीख को वेतन व पैंशन को लेकर मोहताज हो गए हैं जबकि वेतन और पैंशन देने की जिम्मेदारी प्रबंधन व रैगुलेटरी कमीशन की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को बिजली बोर्ड के सभी स्टेट होल्डर्ज की एक संयुक्त बैठक बुलानी चाहिए और बिजली बोर्ड के उत्थान पर चर्चा करनी चाहिए। वहीं बोर्ड में ऐसे प्रबंध निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए जिसे बोर्ड से संबंधित सभी तकनीकी जानकारी हो और बोर्ड का उत्थान कैसे किया जा सके, इसकी जानकारी हो।
ओपीएस बहाली व स्थायी प्रबंध निदेशक मिलने तक जारी रहेगा प्रदर्शन
ज्वाइंट फ्रंट ने उम्मीद जताई कि सरकार मामले की गम्भीरता को समझेगी और इस बैठक के परिणाम अवश्य सकारात्मक निकलेंगे। इस मौके पर ज्वाइंट फ्रंट के अध्यक्ष ई. लोकेश ठाकुर, इम्प्लाइज यूनियन के प्रधान कामेश्वर शर्मा ने कहा कि यदि पुरानी पैंशन की बहाली नहीं होती है या स्थायी प्रबंध निदेशक नहीं मिलता है तो आंदोलन जारी रहेगा।
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