डॉ. राजीव भारद्वाज बने KCC बैंक के 12वें चेयरमैन

punjabkesari.in Sunday, Nov 04, 2018 - 10:19 AM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): जसूर के डा. राजीव भारद्वाज कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित के.सी.सी.बी. के 12वें अध्यक्ष बने हैं। सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार डा. अजय शर्मा ने इस संबंध में शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार नूरपुर के जसूर के डा. राजीव भारद्वाज को अध्यक्ष जबकि ऊना के रमेश कुमार व धर्मशाला के रणजीत राणा को सदस्य मनोनीत किया गया है।

अधिसूचना में कहा गया है कि 6 अप्रैल 2018 को विभिन्न अनियमितताओं के चलते के.सी.सी.बी. के पुराने बोर्ड को भंग करने के बाद के.सी.सी.बी. के निदेशक मंडल की चुनाव प्रक्रिया 28 जुलाई 2018 से शुरू कर दी गई थी जिसके बाद पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिपहिया ने बोर्ड भंग मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर सरकार ने चुनाव प्रक्रिया को रोक दिया था। अब 25 अक्तूबर को हाईकोर्ट के द्वारा जगदीश सिपहिया की याचिका को खारिज करने के बाद उपरोक्त अधिसूचना सहकारिता विभाग की ओर से जारी की गई है ताकि बैंक प्रबंधन के रोजाना की नियमित प्रक्रिया के कार्य न रुकें। सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार ने अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए 35 ए हिमाचल प्रदेश को-आप्रेटिव सोसायटी एक्ट 1968 के तहत उपरोक्त तैनातियों को 6 माह के लिए शक्तियां प्रदान की हैं। 

पहले भी हुआ नोमिनेटेड बोर्ड का गठन 
पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिपहिया के बोर्ड को भंग करने के बाद सरकार द्वारा मनोनीत किए गए 3 सदस्यीय बोर्ड से पहले भी वर्ष 1994 में भी सरकार द्वारा बोर्ड का गठन किया जा चुका है। उस समय दौलत चौधरी अध्यक्ष बने थे और 11 सदस्यीय मनोनीत बोर्ड सरकार ने दिया था।  

ऐसे होता है चुनाव 
के.सी.सी.बी. के निदेशक मंडल सदस्यों की संख्या 22 है और इनमें से 16 सहकारी सभाओं से चुनकर आते हैं। 3 को सरकार मनोनीत करती है और 3 अन्यों में बैंक का एम.डी., सहकारिता विभाग के उप पंजीयक व एक स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक का सदस्य होता है। सभी अध्यक्ष पद के लिए मतदान करते हैं। 

यह था घटनाक्रम 
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने के.सी.सी.बी. का निदेशक मंडल भंग किया था और उपायुक्त कांगड़ा को प्रशासक नियुक्त किया था। घोटालों के लिए सुॢखयों में आए के.सी.सी.बी. का मामला विधानसभा के बजट सत्र में गूंजा था। इस दौरान बैंक के एन.पी.ए. के अलावा विदेश दौरों और ऋण आबंटन में आर.बी.आई. व नाबार्ड के नियमों को दरकिनार करने की बात कही थी। सत्र की समाप्ति के बाद सरकार ने बैंक के निदेशक मंडल को भंग करने की अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद रजिस्ट्रार सहकारिता विभाग ने पहले 6 अप्रैल और दोबारा 19 जुलाई को बैंक अध्यक्ष समेत सभी निदेशकों को निलंबित कर दिया था। 6 अप्रैल के आदेश को 19 जुलाई को तकनीकी कारण बताते हुए वापस ले लिया था और उसी दिन नए आदेश पारित कर फिर से उन्हें निलंबित कर दिया था। बैंक के अध्यक्ष जगदीश सिपहिया ने न्यायालय में याचिका दायर की और अब इसे खारिज कर दिया गया है।


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Ekta

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