Kangra: शादी के बाद सपनों को दी उड़ान, साक्षी बनीं पंजाब यूनिवर्सिटी की टॉपर
punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 06:34 PM (IST)

धर्मशाला (सौरभ कुमार): " मन में कुछ कर दिखाने का जुनून हो तो कोई भी बाधा राह नहीं रोक सकती"। सुलह विधानसभा के तहत थुरल के गांव मूंढी के सैन्य परिवार की बहू साक्षी भंडारी की सफलता की कहानी इसी बात का जीवंत प्रमाण है। शादी के बाद अक्सर लड़कियों के सपने कहीं खो जाते हैं, लेकिन साक्षी ने अपने जीवनसाथी और ससुराल वालों के सहयोग से न सिर्फ अपने सपनों को पंख दिए, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है। पंचरुखी के टिक्कर गांव में जन्मी साक्षी पढ़ाई में शुरू से ही अव्वल रही है। उन्होंने अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से पूरी की है।
साक्षी 2024 के बैच में एमकॉम (मास्टर ऑफ कॉमर्स) में 98 फीसदी अंकों के साथ टॉपर बनी हैं। उन्हें हाल ही में आयोजित दीक्षांत समारोह में गोल्ड मैडल से सम्मानित किया गया। साक्षी ने केएलबी कालेज पालमपुर से बीएड में भी अच्छा रैंक हासिल किया है। साक्षी के अनुसार उनके पिता पूर्व सैनिक राज कुमार भंडारी व माता सुमन भंडारी के अलावा सेना में कार्यरत उनके पति विशाल मन्हास उनके लिए सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। परिजनों ने हमेशा मुझे शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया है।
पति और ससुराल का मिला पूरा सहयोग
साक्षी की शादी इंडियन आर्मी में कार्यरत विशाल मन्हास से हुई है। वह बताती हैं कि उनके पति और ससुराल वाले उनके लिए सबसे बड़े सपोर्ट सिस्टम हैं। पति और मेरे ससुर जशपाल मन्हास ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। "शादी के बाद भी उच्च शिक्षा हासिल करना संभव है, अगर परिवार का सहयोग मिले", साक्षी कहती है।
साक्षी का मानना है कि लड़कियों को शादी के बाद घर के काम में उलझाकर उनकी पढ़ाई नहीं छुड़वानी चाहिए, बल्कि उन्हें अपने सपनों को पूरा करने का मौका देना चाहिए। उनका यह संदेश उन सभी परिवारों के लिए एक सीख है जो अपनी बहुओं को सिर्फ घरेलू कामों तक सीमित रखते हैं।
अब अगला लक्ष्य : प्रोफैसर बनना
साक्षी का अगला लक्ष्य अपने ही विश्वविद्यालय में प्रोफैसर बनना है। वह कहती है, " कॉमर्स में पीएच.डी. करके मैं शिक्षण के क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हूं।" उनका यह दृढ़संकल्प उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो जीवन में आगे बढ़ना चाहती हैं, लेकिन हालात के आगे अपने सपनों का गला घोंट देती हैं।