हवलदार अमरीक सिंह को राजकीय सम्मान से दी अंतिम विदाई, हर आंख हुई नम

punjabkesari.in Monday, Jan 16, 2023 - 05:29 PM (IST)

दौलतपुर चौक (परमार/रोहित): जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के माछल सैक्टर में 10 जनवरी को वीरगति को प्राप्त हुए हवलदार अमरीक सिंह की पार्थिव देह की 6 दिनों के उपरांत गणु मंदवाड़ा गांव में पहुंचने पर अंत्येष्टि की गई। सोमवार सुबह करीब 7 बजे सैंकड़ों लोग गगरेट पहुंच गए। यहां से शहीद की पार्थिव देह को सेना की गाड़ी में एक काफिले में शहीद के गांव गणु मंदवाड़ा लाया गया। जब तक सूरज चांद रहेगा अमरीक सिंह बाबी अमर रहेगा के गूंजते नारों के बीच सुबह ही लोग जगह-जगह अंतिम दर्शनों के लिए खड़े थे। गगरेट, अम्बोटा, संघनई, दियोली, घनारी, अम्बोआ, नंगल जरियालां, मवा कहोलां, चलेट, दौलतपुर चौक, बबेहड़, रायपुर, मरवाड़ी और गणु मंदवाड़ा गांवों के हजारों लोगों ने शहीद के अंतिम दर्शन करते हुए नम आंखों से विदाई दी।

PunjabKesari

सोमवार सुबह जैसे ही शहीद हवलदार अमरीक सिंह की पार्थिव देह अपने घर के आंगन में पहुंची तो चीखो-पुकार से सारा क्षेत्र मातम में बदल गया। शहीद की पत्नी रुचि, बेटे अभिनव, मां ऊषा देवी व पिता धर्मपाल सिंह ने ताबूत को हाथों में लेकर चूम लिया। इस दौरान हर किसी की आंखों से आंसू बह रहे थे। घर से लेकर मोहल्ले के तमाम घरों और रास्तों में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा था। घरों की छतें व आंगन में कहीं तिल धरने को जगह नहीं बची थी। करीब एक घंटे के उपरांत शहीद की अंतिम यात्रा श्मशानघाट के लिए शुरू हुई। हजारों लोगों के जनसमूह ने नारे लगाकर माहौल को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया। शहीद के बेटे अभिनव ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी।

पैट्रोलिंग के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आने से हुए थे शहीद
गणु मंदवाड़ा गांव के हवलदार अमरीक सिंह अपने अन्य 2 साथियों के साथ जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के माछल सैक्टर में पैट्रोलिंग के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आकर गत मंगलवार को वीरगति को प्राप्त हुए थे। अमरीक सिंह की पार्थिव देह 6 दिनों के उपरांत घर पहुंच पाई है। हालांकि सेना माछल सैक्टर में तीनों शहीद हुए जवानों को घर पहुंचाने के लिए हर दिन लगातार प्रयास करती रही, लेकिन बर्फबारी के कारण पार्थिव देहों को घर पहुंचाने में 6 दिन लग गए। सोमवार को करीब साढ़े 10 बजे हवलदार अमरीक सिंह की अंत्येष्टि पूरे सैन्य व राजकीय सम्मान के साथ गणु मंदवाड़ा श्मशानघाट पर की गई।

प्रशासनिक अधिकारी व राजनेता रहे मौजूद
इस मौके पर सेना हैडक्वार्टर 11 कोर व 11 आर.टी. की 125 साटा रैजीमैंट की सैन्य टुकड़ी ने अपने साथी शहीद हवलदार अमरीक सिंह को सशस्त्र सलामी दी। इस अवसर पर कै. राहुल मेहता, सूबेदार मोहन, उपमंडलाधिकारी गगरेट सौमिल गौतम, तहसीलदार घनारी रोहित कंवर, डी.एस.पी. अम्ब डा. वसुदा सूद, एस.एच.ओ. गगरेट सुरेन्द्र कुमार, चौकी प्रभारी शीशपाल, पूर्व विधायक राजेश ठाकुर, पूर्व विधायक राकेश कालिया, सेवानिवृत मुख्य सचिव राकेश शर्मा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष राणा रणजीत सिंह, गगरेट कांग्रेस अध्यक्ष सुरेन्द्र कंवर, सुशील कालिया, शौर्य चक्र कै. सुशील व पंचायत प्रधान गणु मंदवाडा भूपिन्द्र सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

बेटा छुट्टी तो नहीं आया लेकिन तिरंगे में लिपट कर परिवार को कर गया गौरवान्वित
शहीद हवलदार अमरीक सिंह के पिता धर्मपाल सिंह ने रुंधे गले से कहा कि उसे गर्व है कि उसका होनहार बेटा देश की हिफाजत करते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ है। धर्मपाल सिंह ने बताया कि गत वर्ष जून माह में अमरीक सिंह छुट्टी पर घर आया था। उस समय अमरीक सिंह की यूनिट के अधिकारी उसे महू भेज रहे थे, लेकिन उसने महू जाने की बजाय अपनी बटालियन के साथ एल.ओ.सी. पर जाने को तव्वजो दी। उन्होंने बताया कि वीरगति होने से चंद घंटे पहले अमरीक सिंह ने मुझसे, मां और पत्नी से बात की थी और जल्दी छुट्टी आने को कहा था, लेकिन आज बेटा तिरंगे में लिपट कर घर आया और परिवार को गौरवान्वित करके चला गया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Kuldeep

Recommended News

Related News