Cryptocurrency Scam में एसआईटी ने हाईकोर्ट में पेश की स्टेटस रिपोर्ट : डीजीपी

punjabkesari.in Tuesday, Nov 07, 2023 - 06:44 PM (IST)

शिमला (राक्टा): बहुचर्चित क्रिप्टो करंसी स्कैम में एसआईटी ने प्रदेश उच्च न्यायालय में पहली स्टेटस रिपोर्ट दायर कर दी है। डीजीपी संजय कुंडू ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सील बंद लिफाफे में यह स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दायर की है। डीजीपी ने बताया कि इस स्कैम के माध्यम से 70 से 80 लोगों ने 2 करोड़ से अधिक का प्रॉफिट लिया, ऐसे में अब सभी की गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच में सामने आया है कि किंगपिन सुभाष शर्मा व अन्यों ने निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए विदेशी दौरों पर ही साढ़े 3 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर डाली। फॉरैन विजिट का आंकड़ा 2000 से अधिक है। आरोपी निवेशकों को दुबई व थाईलैंड सहित अन्य देशों में ले गए और बड़े-बड़े होटलों में उन्हें ठहराया गया। 

मामले में अब तक 12 करोड़ की प्रॉपर्टी को सीज, 18 लोग गिरफ्तार
डीजीपी ने कहा कि अभी तक इस मामले में 12 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी को सीज किया जा चुका है। 18 लोगों को एसआईटी गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें 3 किंगिपन यानी मुख्य रूप से अभिषेक, सुखदेव व हेमराज शामिल हैं। चौथा किंगपिन सुभाष शर्माहै, जो स्कैम का खुलासा होने से पहले ही दुबई भाग गया था। उसे गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इसके तहत लुकआऊट नोटिस जारी किया जा चुका है। इसके साथ ही उसका वीजा भी जल्द समाप्त होने वाला है, ऐसे में जैसे ही वह किसी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचेगा तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने एसआईटी जांच पर संतोष जताया है। बीते दिन एसआईटी ने जिला अदालत में भी स्टेटस रिपोर्ट दायर की थी। 

जालसाजों ने 80 प्रतिशत पैसा लोगों को वापस किया 
डीजीपी ने कहा कि एसआईटी की कार्रवाई से जालसाज निवेशकों का पैसा लौटाने लगे हैं। 80 प्रतिशत पैसा लोगों को वापस किया जा चुका है। डीजीपी के अनुसार अभी यह पता नहीं चल पाया है कि निवेशक या पीड़ित कौन है। उन्होंने बताया कि अब तक इस मामले में 350 शिकायतें आ चुकी हैं।

5 दिनों के रिमांड पर 8 आरोपी
एसआईटी द्वारा बीते दिन गिरफ्तार किए गए 8 आरोपी 5 दिन की पुलिस कस्टडी में हैं। इसके 7 आरोपियों ने हाईकोर्ट और 4 ने डैजिग्नेटिड कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। अभी तक इस मामले में एक आरोपित को जमानत मिली है। इसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है। जिसके कारण इन्हें अरैस्ट कर पुलिस कस्टडी में ले पाए। उन्होंने कहा कि यदि 7 साल से कम की सजा है तो अरैस्ट नहीं कर सकते। इस एक्ट के तहत जांच एजैंसी संपत्ति को फ्रीज कर सकती है। 

नैशनल-इंटरनैशनल लिंक का लगाया जा रहा पता
डीजीपी ने कहा कि इस स्कैम के नैशनल-इंटरनैशनल लिंक का भी पता लगाया जा रहा है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पूरा पैसा गया कहां। उन्होंने कहा कि ऐसे में केंद्रीय जांच एजैंसियों का भी सहयोग लिया जा रहा है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं मामला टैरर फंडिंग का तो नहीं है। 

बैंकिंग-टैक्सेशन सिस्टम नहीं कर पाया डिटैक्ट
डीजीपी ने कहा कि मामले के संदर्भ में सैंट्रल इंटैलीजैंस सिक्योरिटी और टैक्स एजैंसी को पत्र लिखे गए हैं, साथ ही लिखा गया है कि ऐसे कैसे हो गया कि बैंकिंग और टैक्स नैटवर्किंग सिस्टम में यह मामला कभी सामने आया ही नहीं, जबकि 3-4 साल से यह स्कैम चल रहा था और अढ़ाई हजार करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ था। उन्होंने कहा कि बैंकिंग और टैक्सेशन सिस्टम इसको डिटैक्ट ही नहीं कर पाया।

1 लाख लोगों को पैसा डूबा
इस स्कैम में करीब 1 लाख लोगों का पैसा डूबा है। जांच के तहत एसआईटी ने वैबसाइट और सारी ट्रांजैक्शन डी कोड कर दी हैं। सामने आया है कि करीब अढ़ाई हजार रुपए की पूरी ट्रांजैक्शन हुई। शातिर आरोपियों ने करीब 500 करोड़ से अधिक का प्रॉफिट अर्जित किया। सूत्रों की मानें तो इनमें 200 करोड़ किंगपिन सुभाष ही डकार गया। 
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Content Writer

Vijay

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