पुलिस जवानों के वेतन विसंगति मामले को लेकर 4 सदस्यीय कमेटी गठित, एक हफ्ते में सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट

punjabkesari.in Sunday, Dec 05, 2021 - 11:01 PM (IST)

शिमला (योगराज/राक्टा): वर्ष 2015 के बाद भर्ती हुए पुलिस जवानों के वेतन विसंगति के मसले पर पुलिस मुख्यालय हरकत में आ गया है। इसी कड़ी में मुख्यालय की तरफ से जवानों के  वेतन विसंगति से जुड़े मसले पर 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। गठित कमेटी में वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है। पुलिस मुख्यालय ने आईजी एपी सिंह की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। इसके साथ ही सदस्य के रूप में आईजी प्रशासन डीके यादव, आईजी एपीटी जेपी सिंह और डिप्टी कंट्रोलर विकेश गुप्ता को शामिल किया है। यह कमेटी जवानों के वेतन विसंंगति के संंबंध में शिकायतों का विश्रेषण करेंगी और एक सप्ताह के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को देगी।

प्रभावित पक्षों से लिखित में उनकी मांगों को लेकर ज्ञापन लेगी समिति

सूचना के अनुसार यह समिति प्रभावित पक्षों से लिखित में उनकी मांगों को लेकर ज्ञापन लेगी। इसके साथ ही पुलिस अधिनियमों के प्रावधानों, पुलिस नियमों और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का अध्ययन करने के बाद अपनी सिफारिशें देगी। समिति अन्य राज्यों में पुलिस भर्ती, वेतनमान सहित अन्य प्रावधानों का भी अध्ययन करेगी। इसके साथ ही प्रदेश में अन्य विभागों में वेतनमान के प्रावधानों, नियमितीकरण की शर्तों, वेतनमान जारी करने के प्रावधानों का भी अध्ययन करेंगी। देखा जाए तो अपनी मांग के जेसीसी में पूरा न होने पर कुछ जवानों ने मैस में खाना खाना छोड़ दिया है।

क्या है मसला

पुलिस जवानों ने 8 साल की बजाय 2 साल बाद संशोधित वेतन देने की मांग कर रहे हैं। तर्क है कि सरकार ने जेसीसी की बैठक में अनुबंध काल को 3 से 2 साल करने का फैसला लिया है। ऐसे में 2 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद जब अन्य विभागों के कर्मचारियों को पूरा वेतनमान दिया जा सकता है तो 2015 के बाद भर्ती हुए पुलिस जवानों को संशोधित वेतनमान प्रदान करने के लिए 8 साल के सेवाकाल का राइडर क्यों नहीं हटाया जा सकता।

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Content Writer

Vijay

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