Weather Update! हिमाचल में बढ़ रही है ठंड, जानिए कब होगी बारिश ?

punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 10:09 AM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के मौसम में इन दिनों एक विरोधाभासी स्थिति देखने को मिल रही है। जहाँ एक ओर आसमान साफ़ और मौसम पूरी तरह से खुश्क बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर ठंड की मार पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बढ़ती जा रही है। बीते चौबीस घंटे वर्षा या बर्फबारी से वंचित रहा, जिससे शुष्कता का दौर जारी है।

तापमान का खेल:

रिकॉर्ड तोड़ ठंड: लाहौल-स्पीति घाटी का ताबो इस सीजन का सबसे ठंडा स्थान बनकर उभरा है। यहाँ का न्यूनतम तापमान माइनस 6.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जिसने कड़ाके की ठंड का अहसास कराया।

निचले क्षेत्रों में हल्की राहत: इसके विपरीत, निचले इलाकों में दिन का मौसम थोड़ा आरामदायक रहा। सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिससे दिन में हल्की गर्माहट महसूस हुई।

पहाड़ों में गिरावट: हालांकि, अधिकांश स्थानों पर रात और दिन के तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है, लेकिन अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर पारा सामान्य से दो से चार डिग्री नीचे बना रहा।

कोहरे और यातायात पर असर:

सुबह के समय मंडी और बिलासपुर जैसे जिलों में घना कोहरा छाया रहा। इस मध्यम स्तर के कोहरे ने सड़कों पर दृश्यता को प्रभावित किया, जिससे यातायात की गति भी धीमी हुई।

आगे का मौसम पूर्वानुमान:

शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले पूरे सप्ताह के लिए एक स्पष्ट पूर्वानुमान जारी किया है:

शुष्क मौसम जारी: अगले सात दिनों तक पूरे राज्य में मौसम शुष्क रहेगा। वर्षा या हिमपात की कोई भी सम्भावना नहीं है।

तापमान में बदलाव: अगले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान स्थिर रहेगा, लेकिन उसके बाद इसमें दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है।

अधिकतम तापमान में गिरावट: वहीं, दिन के तापमान में धीरे-धीरे दो से चार डिग्री की कमी आने की आशंका है, जिसके कारण सर्द हवाओं का असर और भी तीव्र हो सकता है।

फिलहाल, शिमला, कुल्लू, मनाली, चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, ऊना, हमीरपुर, सोलन और सिरमौर समेत राज्य के सभी जिलों के लिए अगले सप्ताह तक मौसम को लेकर किसी भी तरह की चेतावनी जारी नहीं की गई है।

किसानों और आम जनता के लिए सलाह:

मौसम विभाग ने लोगों को विशेष रूप से सुबह और शाम के समय कोहरे और बढ़ती ठंड से बचने के लिए सतर्कता बरतने की सलाह दी है। शुष्क मौसम की यह लम्बी अवधि किसानों और बागवानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में गिरता तापमान सर्दी के प्रभाव को चरम पर पहुंचा रहा है।


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Content Editor

Jyoti M

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