हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र से मांगे 2000 करोड़ : मुख्यमंत्री

punjabkesari.in Friday, Jul 14, 2023 - 09:18 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार से 2000 करोड़ रुपए की अंतरिम सहायता मांगी है। बारे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी दूरभाष पर बातचीत की है। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा के कारण आई बाढ़ से हुए नुक्सान का जायजा लेने के लिए सोमवार को केंद्रीय टीम हिमाचल प्रदेश के दौरे पर आएगी। सुखविंदर सिंह सुक्खू यहां पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सहित सरकार के अन्य सहयोगी मंत्री, सीपीएस, विधायक व सीएम के प्रधान सलाहकार मीडिया भी इस अवसर पर मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार ने आपदा कोष-2023 के गठन का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रदेश की जनता सहित अन्य लोगों से इसमें उदारता से वित्तीय अंशदान करने का आग्रह किया है। इस राशि को हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक और एचडीएफसी बैंक खातों में जमा करवाया जा सकता है। 

केंद्र से नहीं मिली कोई वित्तीय मदद, राज्य सरकार ने जारी किए 1100 करोड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से अब तक कोई वित्तीय मदद नहीं मिली है। अब तक राज्य सरकार ने बीते 15 दिनों में 1100 करोड़ रुपए जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि 180 करोड़ रुपए की जो राशि जारी हुई है, वह सामान्य प्रक्रिया के तहत मिलते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले साल के 15वें वित्तायोग के बकाया 315 करोड़ रुपए जारी करने का भी आग्रह किया गया है।

सीएम, मंत्री, सीपीएस व कांग्रेस विधायक देंगे 1 माह का वेतन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि वह खुद, उपमुख्यमंत्री, उनके मंत्रिमंडल सहयोगी, सीपीएस एवं कांग्रेस विधायक 1 माह का वेतन प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए दान देंगे। उन्होंने कहा कि वह भाजपा विधायकों से भी 1 माह का वेतन देने का आग्रह करेंगे। वहीं प्रदेश के अधिकारी एवं कर्मचारी भी 1 दिन का वेतन देने के लिए आगे आए हैं।

8000 करोड़ तक नुक्सान पहुंचने की संभावना; 103 की मौत, 16 लापता
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रारंभिक तौर पर बरसात के कारण 4000 करोड़ रुपए तक का नुक्सान आंका गया है। बरसात से होने वाला यह नुक्सान 8000 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। राज्य में बरसात के कारण 103 लोगों की मौत हुई है तथा 16 लोग अभी भी लापता हैं। 

40 से अधिक पुल टूटे, 80 फीसदी पानी की योजनाएं बहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के कारण प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 40 से अधिक पुल टूटे हैं। इसके अलावा 80 फीसदी पेयजल एवं सिंचाई योजनाएं बह गई हैं। पीडब्ल्यूडी को 610 करोड़ रुपए और जल शक्ति विभाग को 218 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। 

केंद्रीय नेताओं से हुई बात, सभी ने सहयोग देने को कहा
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह व नितिन गडकरी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात हुई है। उन्होंने कहा कि सबने अपेक्षित सहयोग देने की बात कही है। उन्होंने एयरफोर्स, एनएचएआई, बीएसएनएल, बीआरओ व प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों का अपेक्षित सहयोग के लिए आभार जताया। 

मुख्यमंत्री ने और क्या कहा

  • चंद्रताल अभियान के लिए जगत नेगी व संजय अवस्थी के प्रयास सराहे।
  • 60 घंटे में 75000 में से 67000 लोग निकाले।
  • कुल्लू-मानली से पर्यटकों की 12000 गाड़ियां निकालीं।
  • कसोल-तीर्थन में अभी फंसे सैलानी सुरक्षित।
  • 60 घंटे में कुल्लू-मनाली का बिजली व संचार नैटवर्क बहाल।
  • उपमुख्यमंत्री अग्निहोत्री से लेकर मंत्री, सीपीएस व विधायक ने संभाला मोर्चा।
  • लारजी, शांगटांग व अन्य पावर प्रोजैक्टों को नुक्सान।
  • 1 से 9 जुलाई सामान्य से 153 फीसदी व 11 जुलाई तक 436 फीसदी अधिक वर्षा।

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Content Writer

Vijay

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