सीटू की प्रशासन को खुली चुनौती, कहा-जो चाहे वो करो, हर हाल में होगा महाधरना

punjabkesari.in Monday, Apr 24, 2017 - 12:57 AM (IST)

शिमला: राजधानी के एक निजी स्कूल से 32 मजदूरों को नौकरी से निकालने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामले को लेकर सीटू सोमवार को स्कूल के बाहर 24 घंटे का महाधरना प्रदर्शन करेगी, वहीं सीटू ने जिला प्रशासन को खुली चुनौती दे दी है कि वे किसी भी तरह सीटू कार्यकर्ताओं को धरना-प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकता। खास बात यह है कि जिला प्रशासन द्वारा 2 दिन पहले ही इस स्कूल के आसपास धारा 144 लगा दी गई है, ऐसे में सीटू कार्यकर्ता हर हाल में सोमवार को धरना-प्रदर्शन करेंगे। 

निजी स्कूलों पर नहीं कोई लगाम 
रविवार को शिमला में जिला कमेटी सीटू द्वारा पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने कहा कि जिला प्रशासन सीटू को धरना-प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकता बल्कि सीटू ने प्रशासन को खुली चुनौती दे दी है कि वे जो चाहे करे वे धरना-प्रदर्शन जरूर करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई करने के बजाय उसे बचा रहा है जिससे मजदूरों के हितों की अनदेखी की जा रही है। निजी स्कूलों पर कोई लगाम न होने के चलते वे अपनी मनमानी करने पर उतर आए हैं। हर साल फीस वृद्धि की जा रही है श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है जिसकी सीटू कड़े शब्दों में निंदा करती है। इस अवसर पर रमाकांत, बाबू राम, किशोरी, निदेश मेहता व विनोद इत्यादि मौजूद रहे।

अभिभावक संघ गठित करेगी सीटू 
निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर आगामी दिनों में सीटू अभिभावकों को लामबंद कर अभिभावक संघ का गठन करेगी जो निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूलने के इत्यादि के खिलाफ मोर्चा खोलेगा। सीटू का कहना है कि मामले पर यदि जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे लेकिन अभी मजदूरों के हकों की लड़ाई धरना-प्रदर्शन के माध्यम से लड़ी जाएगी अगामी दिनों में इस आंदोलन को ओर भी उग्र कर दिया जाएगा।

बच्चों के लिए लिया है धारा-144 का निर्णय
डी.सी. शिमला रोहन चंद ठाकुर ने सीटू द्वारा लगाए गए आरोपों पर स्पष्ट किया है कि उन पर सीटू ने आरोप लगाए हंै कि उनका बेटा जिस निजी स्कूल में पढ़ता है वहां पर धारा-144 लगाई गई है। डी.सी. ने कहा कि उनके ये आदेश सी.आई.डी. की रिपोर्ट पर आधारित हंै और उन्होंने अपने आदेश की पहली लाइन में इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि धारा-144 लगाने का निर्णय 1700 बच्चों के लिए लिया गया है न कि अपने बेटे के लिए लिया गया है।


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