यहां जान हथेली पर रखकर स्कूल पहुंच रहे नौनिहाल, परेशानियों से जूझ रही जनता

punjabkesari.in Monday, Dec 03, 2018 - 05:55 PM (IST)

करसोग (यशपाल): सड़क, शिक्षा व स्वास्थ्य का नारा देकर सत्ता तक पहुंची प्रदेश सरकार के दावों की पोल उपमंडल करसोग की दुर्गम पंचायत मशोग में खुलकर सामने आई है। इस क्षेत्र में रहने वाली प्रभावित जनता ने करसोग के विधायक हीरा लाल से पूछा है कि इस क्षेत्र में ये कैसा विकास हो रहा है? यहां के बाशिंदों को वर्षो से पांगणा-फेगल खड्ड से गुजरने के लिए पैदल चलने योग्य पुल की आस है लेकिन प्रदेश सरकार के एक वर्ष पूरा होने वाला ही है, उनकी पुल की मांग आस बनकर ही रह गई है। इस पंचायत के गांव थाची व आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को पुल के अभाव में खड्ड से होकर गुजरना पड़ता है। जूतों को हाथ में लिए खड्ड को पार करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प ग्रामीणों के पास नहीं है। खड्ड को पार करने में सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना स्कूली छात्र व छात्राओं को करना पड़ता है। 
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सारे काम छोड़ बच्चों को रोज खड्ड पार करवाते हैं अभिवावक 

इन क्षेत्रों में रहने वाले नौनिहाल शिक्षा प्राप्त करने के लिए खड्ड के दूसरी ओर बने सुंदर नगर विधानसभा क्षेत्र के अंर्तगत आते फेगल स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने पहुंचते हैं। लेकिन इन स्कूली छात्रों को खड्ड से आर पार करने के लिए अविभावकों को सारे काम काज छोड़कर खड्ड के पास पहुंचना पड़ता है। ठंड के मौसम में नंगे पांव खड्ड को पार करना काफी मुश्किल हो जाता है, लेकिन शायद करसोग के विधायक तथा संबधित पंचायत के प्रतिनिधियों के पास जनता की सुध लेने की फुर्सत ही नहीं है। खड्ड पर पैदल चलने योग्य पुल का निर्माण न होने के चलते यहां के बाशिंदों की समझ में नहीं आ रहा है कि प्रदेश सरकार आखिरकार किन तथ्यों के आधार पर प्रदेश में एक समान विकास का दावा कर रही है। 

ग्रामीणों ने सरकार से की है मांग

ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि समय रहते इस खड्ड पर पैदल चलने योग्य पुल का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए ताकि स्कूली छात्रों सहित ग्रामीणों को सुविधा मिल सके। बहरहाल, पांगणा-फेगल खड्ड को पुल के अभाव में पार करना ग्रामीणों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। जान हथेली पर रखकर नौनिहाल स्कूल पहुंच रहे हैं तथा स्थानीय जनता को भी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। जलस्तर बढ़ने पर करना पड़ता है 6 कि.मी. का अतिरिक्त पैदल सफर इस खड्ड में 5 अन्य खड्डों का पानी भी मिलता है जिसके चलते हल्की सी बरसात में यह खड्ड रौद्र रूप धारण कर लेती है। खड्ड का जल स्तर बढऩे पर अधिकतर स्कूली छात्र पुल के अभाव में कई दिनों तक स्कूल नहीं जा पाते तथा जो छात्र स्कूल जाना चाहते हैं। उन्हे तकरीबन 6 किलोमीटर का अतिरिक्त पैदल सफर कर स्कूल पहुंचना पड़ता है। खड्ड के उफान पर होने के चलते आपातकालीन परिस्थियों में ग्रामीणों को समस्याओं से जूझना पड़ता है। 

पुल के अभाव में खड्ड पार करते हुए हो चुकी है युवक की मौत

इस खड्ड पर पुल न होने के चलते कुछ वर्ष पहले खड्ड को पार करते वक्त एक युवक इसमें बह कर अपने प्राण गंवा चुका है लेकिन बावजूद इसके खड्ड पर अभी तक पैदल चलने योग्य पुल का निर्माण नहीं हो पाया। ऐसे में साफतौर पर जाहिर हो रहा है कि यहां रहने वाले ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। शिक्षा के मंदिर तक शिक्षा ग्रहण करने पहुंच रहे नौनिहालों सहित क्षेत्र के युवाओं व बुजुर्गो को हमेशा ही यह डर सताता रहता है कि कहीं खड्ड पार करते वक्त कोई हादसा न हो जाए। 

पंचायत जनप्रतिनिधियों से किया जाएगा संपर्क: विधायक

पांगणा-फेगल खड्ड पर पैदल चलने योग्य पुल के निर्माण को लेकर करसोग हलके के विधायक हीरा लाल ने कहा कि ग्रामीणों की सुविधा के लिए खड्ड पर पुल बनाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों से संपर्क किया जाएगा। पैदल चलने योग्य पुल के निर्माण के लिए विधायक निधि से भी राशि जारी की जाएगी तथा जल्द ही संभावित क्षेत्र का दौरा कर जनता की सुविधा के लिए खड्ड पर पुल निर्माण कार्य की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।


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Ekta

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