चंबा में 2 दर्जन निजी स्कूलों पर लटकी खतरे की तलवार
Monday, Mar 20, 2017 - 02:55 PM (IST)
चंबा: चंबा जिला के उन निजी स्कूलों पर ताला लटक सकता है जो कि हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड के नियमों पर खरा नहीं उतरेंगे। हालांकि ऐसे स्कूल जिला के पिछले कई वर्षों से अपना धंधा चलाए हुए हैं लेकिन अब अदालत के आदेशों पर शिक्षा विभाग ने जो निरीक्षण प्रक्रिया को अंजाम दिया है, उसमें जिला के करीब 2 दर्जन ऐसे स्कूल पाए गए हैं जो कि बोर्ड के नियमों पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं। विभाग की मानें तो मार्च माह में जिला के सभी निजी स्कूलों का निरीक्षण करके उसकी रिपोर्ट पेश करने का समय दिया गया था और उसने समय रहते अपने इस कार्य को पूरा कर लिया है।
बोर्ड के दिशा-निर्देशों को नजरअंदाज कर चांदी कूट रहे स्कूल प्रबंधक
इस कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए विभाग ने तीन निरीक्षण दस्तों का गठन किया था, जिसमें से एक दस्ते की कमान खुद उच्च शिक्षा विभाग के उपनिदेशक ने संभाली थी। जानकारी के अनुसार इन दस्तों ने जिला में मौजूद 80 निजी स्कूलों का निरीक्षण किया जिसमें से 24 के करीब ऐसे निजी स्कूल पाए गए जो कि बोर्ड के साथ पंजीकृत तो हैं लेकिन वे उनके द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों को पूरा नहीं करते हैं। इस टीम की यह रिपोर्ट नि:संदेह उन स्कूल प्रबंधकों के लिए खतरे की घंटी है जो पिछले कई वर्षों से बोर्ड के दिशा-निर्देशों को नजरअंदाज करके अपनी दुकानदारी को चला कर दोनों हाथों से चांदी कूट रहे हैं।
मुख्य रूप से क्या खामियां पाई गईं
मुख्य रूप से निरीक्षण टीम ने यह पाया है कि ज्यादातर स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवहेलना के मामले पाए हैं। एक्ट के अनुसार किसी भी प्रकार के अध्यापक पद पर वही व्यक्ति नियुक्त हो सकता है जिसने अध्यापक योग्यता टैस्ट की परीक्षा पास की हो। अधिकतर स्कूलों में यही कमी सबसे अहम कमी के रूप में देखने को मिली है, साथ ही कक्षा कमरों का साइज भी आर.टी.ई. एक्ट के तहत पूरा नहीं है। इसके साथ ही जिला में मौजूद ज्यादातर निजी स्कूल अभी तक गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों बच्चों को मुफ्त में शिक्षा नहीं दे रहे हैं।