Cabinet Meeting: हिमाचल की आर्थिकी को पटरी पर लाएगा पावर कॉर्पोरेशन, सरकार ने आबंटित किए 3 बड़े प्रोजैक्ट
punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2024 - 06:54 PM (IST)
शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को 3 महत्वपूर्ण प्रोजैक्ट आबंटित करने का निर्णय लिया गया है। इनमें विवादों में घिरा 780 मैगावाट का जंगी-थोपन पावर प्रोजैक्ट भी शामिल है, जो वर्षों से कानूनी दावपेंच में उलझा रहा। सरकार ने 1630 मैगावाट के श्री रेणुका जी और 270 मैगावाट के थाना प्लौन पंप स्टोरेज पावर प्रोजैक्ट्स को भी पावर कॉर्पोरेशन को सौंपने का निर्णय लिया है।
पूर्व भाजपा सरकार ने पावर प्रोजैक्टों के आबंटन में हिमाचल के हितों को बेचा : हर्षवर्धन
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मंत्रिमंडल बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने पावर प्रोजैक्टों के आबंटन में हिमाचल प्रदेश के हितों को बेचा। इसी कारण मुख्यमंत्री ने पूर्व भाजपा सरकार के समय में तैयार की गई पॉवर पॉलिसी को रद्द किया। सरकार अब 210 मैगावाट क्षमता के लूहरी पावर प्रोजैक्ट चरण-1, 66 मैगावाट के धौलासिद्ध पावर प्रोजैक्ट और 382 मैगावाट के सुन्नी पावर प्रोजैक्टों को अपने अधीन लेने के लिए आगे बढ़ रही है। इसके लिए राज्य सरकार हाईकोर्ट में पुनर्रीक्षण याचिका दायर करने के लिए भी तैयार है। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पावर कॉर्पोरेशन बड़े प्रोजैक्ट बनाने में सक्षम है तथा आबंटित किए गए 3 बड़े प्रोजैक्टों की जल्द डीपीआर बनेगी।
उद्योगों की बिजली महंगी होने पर सीएम से मिले उद्योगपति
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि उनके साथ सीआईआई और उद्योग जगत के प्रतिनिधि मंत्रिमंडल बैठक के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिले। इस दौरान उद्योगपतियों ने कहा कि प्रदेश के उद्योगों की बिजली पड़ौसी राज्यों से महंगी हो गई है। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि प्रदेश सरकार उद्योगों में बिजली की दरें पड़ोसी राज्यों से अधिक नहीं होने देगी। यदि ऐसा हुआ है, तो प्रदेश सरकार इसकी समीक्षा करेगी तथा प्रदेश में पड़ौसी राज्यों से सस्ती बिजली मिलेगी।
विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए मिलेगा एजुकेशन लोन
मंत्रिमंडल ने मेधावी छात्रों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से डाॅ. यशवंत सिंह परमार ऋण योजना (एजुकेशन लोन) को विस्तार प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसके अंतर्गत विदेशों के शैक्षणिक संस्थानों में पेशेवर और व्यावसायिक पाठयक्रमों की शिक्षा ग्रहण करने वाले इच्छुक पात्र मेधावी छात्रों को इस योजना का लाभ देने का भी निर्णय लिया गया। इस योजना के तहत राज्य सरकार 1 फीसदी की ब्याज दर पर शैक्षिक ऋण प्रदान करती है।
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