फतेहपुर में जो काम एक दशक में नहीं हुआ वो उपचुनावों ने कर दिया
punjabkesari.in Monday, Aug 02, 2021 - 12:19 PM (IST)

बडूखर (सुनीत) : जो काम विधानसभा फतेहपुर मेें पिछलेेेे लगभग एक दशक से लंबित थे, भला हो इन उपचुनावों का जिसने लोगों की दशकों पुरानी मांगो को पूरा करने में मदद की है। फतेहपुर के सीमांत क्षेत्र की जनता का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के इस क्षेत्र का दौरा करनेे से इस सीमांत क्षेत्र को विकास के पंख लग गए हैं। उपचुनाव के मद्देनजर ही सही विकास की नई गाथा लिखी जा रही है, जो काम पिछले 20 से 30 वर्ष में नहीं हुए, उपचुनाव आते ही उन पर मुहर लग गई। सीमांत क्षेत्र के विकास को मानो पंख लग गए हों। लोगों में खुशी इस बात को लेकर है कि रियाली पंचायत में अनाज व सब्जी मंडी की मांग, रे में उप तहसील की मांग, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए सीमांत क्षेत्र की जनता को पंजाब के शहरों का रुख करना, इन समस्याओं को पिछले लगभग 30 वर्ष से जनता द्वारा हर मंच पर उठाया जाता रहा, लेकिन इस बात का श्रेय उपचुनाव व विधायक न होते हुए भी कृपाल परमार ले उड़े।
सीमांत क्षेत्र के विधानसभा इंदौरा व फतेहपुर के लोगों में यह चर्चा का विषय है, भला हो चुनावों का जो हर साल आते रहें जिससे कम से कम फतेहपुर विधानसभा की सीमांत क्षेत्र की विकास की गाथा में नित नए आयाम जुड़ते रहें। भाजपा के पूर्व प्रत्याशी व राज्य सभा सदस्य रहे कृपाल परमार को इस बात का श्रेय जाता है, जिन्होंने विधायक न रहते हुए भी लोगों की वर्षों पुरानी मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा व मनवाया। अभी भी कई लोगों के मन में इस बात का संदेह है कि क्या इन योजनाओं व घोषणाओं को धरातल पर उतारा जाएगा या मात्र कोरी घोषणाएं ही साबित होंगी।
इनको झूठ का पुलिंदा बताते हुए भाजपा कार्यकर्ता इस बात को लोगों के बीच रख रहे हैं कि रियाली पंचायत में बनाई जाने वाली अनाज मंडी के लिए 1.14 करोड़ का बजट भी प्रस्तावित किया गया है और विरोधी दल वाले मात्र लोगों को भ्रमित करने के लिए झूठी घोषणाओं की बातों को जनता में फैला रहे हैं। रे क्षेत्र के लोगों में खुशी के साथ-साथ इस बात की भी चर्चा है कि साल में एक बार फतेहपुर विधानसभा में चुनाव होते रहें और मुख्यमंत्री बार-बार आते रहें, जिससे क्षेत्र में विकास की इबारत नए सिरे से लिखी जा सके, जबकि कभी विधानसभा फतेहपुर का हिस्सा रहे बडूखर क्षेत्र की जनता में इस बात को लेकर रोष है कि काश हम भी विधानसभा फतेहपुर का हिस्सा होते तो हमारा भी नसीब बदल सकता था।