कांगड़ा जिले को मंत्री चाहिए, घोषणा कुछ और ही की जा रही : सतपाल सत्ती
punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2023 - 11:20 PM (IST)

शिमला (राक्टा): हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आम बजट पर हो रही चर्चा के तीसरे दिन बुधवार को विपक्ष ने सत्तापक्ष को 10 चुनावी गारंटियों पर घेरने का प्रयास किया। बजट चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा विधायक सतपाल सत्ती ने कांग्रेस सरकार को चुनौती दी कि वह आगामी 6 अप्रैल तक एक भी ऐसी महिला को सामने लाए, जिसके खाते में चुनावी गारंटी के 1500 रुपए आए हों। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने घर-घर जाकर महिलाओं से 1500 रुपए देने की बात कही, लेकिन आज उनके खाते में 1500 तो दूर, एक पैसा तक नहीं मिला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस झूठ बोलकर सत्ता में आई है।
कांग्रेस ने एसओपी के चक्कर में घुमा कर रख दी ओपीएस
सत्ती ने कहा कि कांग्रेस ने 1 जनवरी से ओपीएस लागू करने की बात कही थी लेकिन अब इसे एसओपी के चक्कर में घुमा कर रख दिया है। उन्होंने कांगड़ा जिले की अनदेखी पर सत्ता पक्ष को घेरते हुए कहा कि वहां चाहिए तो मंत्री था लेकिन कुछ और ही घोषणा करके लोगों को शांत करने का प्रयास किया जा रहा है।
सरकार के पास पैसे नहीं तो सीपीएस और कैबिनेट रैंक में सलाहकार क्यों बनाए?
सत्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू सरकार के पास पैसे न होने का रोना रो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि पैसा नहीं है तो सीपीएस क्यों बनाए गए और कैबिनेट रैंक में सलाहकार क्यों बनाए और क्यों ओएसडी बनाए जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को रोने की बजाय आय के साधन बढ़ाने की दिशा में कार्य करना चाहिए और फिजूलखर्ची को रोकना चाहिए।
अग्निहोत्री नेता प्रतिपक्ष के रूप में लड़ाई लड़ते रहे, सुक्खू मुख्यमंत्री बन गए
चर्चा के दौरान सत्ती ने उपमुख्यमंत्री पर भी तंज कसा और कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में लड़ाई वह लड़ते रहे और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बन गए। उन्होंने कहा कि जो सुक्खू, पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह से नहीं हारे, वह मुकेश अग्निहोत्री से कैसे हारते।
पारिवारिक सदस्यों के हो रहे तबादले
सतपाल सत्ती ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है विपक्ष सदस्यों के पारिवारिक सदस्यों के तबादले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधायक जनक राज के भाई का तबादला पांगी कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही लोगों के काम नहीं हो रहे हैं। सीएम के प्रधान निजी सचिव को अधिकारियों को चिट्ठी लिखनी पड़ रही है कि जो काम बोल रहे हैं, वह हो नहीं रहे।
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