Himachal: भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने घेरी सरकार, फिना सिंह परियोजना में बड़े घोटाले का लगाया आराेप

punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 10:34 PM (IST)

देहरा (राजीव शर्मा): भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर कांगड़ा जिले में जल शक्ति विभाग द्वारा शुरू की गई फिना सिंह परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पेखुवेला प्रोजेक्ट से कोई सबक नहीं सीखा, जहां मुख्य अभियंता विमल नेगी की दुखद मृत्यु हुई थी और अब फिना सिंह परियोजना में भी वैसी ही लापरवाही और भ्रष्टाचार दिख रहा है। उन्हाेंने चेतावनी दी कि इस बार इस मामले को कानूनी अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

अनुभवहीन कंपनी काे दे दिया परियोजना का टैंडर
बिक्रम ठाकुर ने खुलासा किया कि कांगड़ा जिले में जल शक्ति विभाग द्वारा फिना सिंह परियोजना के तहत लगभग 300 करोड़ रुपए की लागत से एक बांध का निर्माण किया जाना है। हैरानी की बात यह है कि इस परियोजना का टैंडर इसी जून माह में एक ऐसी कंपनी को दे दिया गया है, जिसे बांध निर्माण का कोई पूर्व अनुभव नहीं है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विभाग ने जानबूझकर इस टैंडर से जॉइंट वेंचर (संयुक्त उद्यम) की शर्त हटा दी, जिससे प्रतिस्पर्धा पूरी तरह से समाप्त हो गई। ठाकुर ने आरोप लगाया कि यह कदम एक पसंदीदा कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया था।

संविधान और वित्तीय नियमों का उल्लंघन
बिक्रम ठाकुर ने इस फैसले को संविधान में उल्लिखित समान अवसर और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की मूल भावना का खुला उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि यह टैंडर जनरल फाइनांशियल रूल्स का भी उल्लंघन है, जो सार्वजनिक धन के उपयोग में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा, विभाग ने इस टैंडर में प्रतिस्पर्धा को खत्म करके कंपटीशन एक्ट की सीधी अवहेलना की है। सूचना यह भी है कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर इस टैंडर को लेकर दबाव बनाया गया है, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो जाता है।

राहुल गांधी और 'संविधान बचाओ' आंदोलन पर सवाल
बिक्रम ठाकुर ने कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या यही वह 'संविधान बचाओ' आंदोलन है जिसकी बात आप देशभर में कर रहे हैं?" उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जहां कांग्रेस की सरकार है, सरकारी संस्थाओं के माध्यम से संविधान को ही सबसे अधिक रौंदा जा रहा है, जैसा कि इस टैंडर प्रक्रिया में हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी प्रदेश को दीमक की तरह खोखला करता है और हिमाचल को ऐसा राज्य चाहिए जहां योजनाएं विकास के लिए बनें, न कि चहेतों की जेबें भरने के लिए।

जांच की मांग और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
बिक्रम ठाकुर ने इस टैंडर को पूरी तरह से अवैध और जनविरोधी बताया और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाती है, तो वे इस मामले को जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार, सैंट्रल विजिलैंस कमीशन और अन्य संबंधित संस्थाओं के समक्ष उठाएंगे और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर इस बार भी तथ्यों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे इस पूरे मामले को कानूनी रूप से एक निष्कर्ष तक ले जाएंगे।

परियोजना के बढ़े-चढ़े हुए अनुमान की भी हाेनी चाहिए जांच
पूर्व विधायक ने यह भी मांग की कि इस परियोजना के बढ़े-चढ़े हुए अनुमान (एस्टीमेट) की निष्पक्ष जांच हो, क्योंकि यह परियोजना केंद्र और राज्य सरकार की 90:10 भागीदारी में बन रही है। उन्होंने जोर दिया कि बांध कोई छोटा प्रोजैक्ट नहीं होता और इसमें तकनीकी अनुभव और विशेषज्ञता आवश्यक है। बिना अनुभव वाली कंपनी को यह काम देना सीधे-सीधे लाखों लोगों की जान, जल संपदा और जनता के पैसे के साथ खिलवाड़ है।
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Content Writer

Vijay

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