भाजपा को प्रजातंत्र की हत्या करने की ट्रेनिंग आरएसएस कैंपों से मिल रही है: विप्लब ठाकुर

punjabkesari.in Tuesday, Mar 02, 2021 - 11:50 AM (IST)

जसवां-परागपुर (डी.सी.) : प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद विप्लब ठाकुर ने भाजपा पर संवैधानिक एवं शिष्टाचार की मर्यादाओं को सत्ता गरूर के हथौड़े से तोडने के कथित प्रयास करने के आरोप लगाए और चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही भाजपा ने अपने सियासी स्वार्थों की पूर्ति को लेकर अपने ऐसे तानाशाही व्यवहार का त्याग नहीं किया तो जनता अपने क्रोध के हथौड़े से इनके अहंकार को कुचल देने को विवश हो जाएगी। पंजाब केसरी साथ बातचीत करते वक्त उन्होंने विधानसभा सत्र के चलते जनप्रतिनिधियों के बीच हुई धक्का-मुक्की के प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि आज हर कोई यह नहीं समझ पा रहा कि भाजपाइयों को आर.एस.एस. के कैंपों में ऐसी कौन सी ट्रेनिंग दी जाती है कि वह आज केंद्र से लेकर राज्यों तक सत्ता की हेकड़ी से प्रजातंत्र का गला घोंटने को निकले हुए हैं।

विप्लब ठाकुर ने कहा कि हम सब को यह कदापि नहीं भूलना चाहिए कि केंद्र में संसद तथा प्रदेशों में विधानसभा के परिसर सम्मान और विश्वास के मंदिर होते हैं। इन मंदिरों में जनता के हृदयों से निकली भावनाएं सम्माहित होती हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से यह विनम्रता से मानती हूं कि संसद और विधान सभा परिसरों में मौजूद राज्यपाल, मंत्री, विधायक और हर किसी शख्स का सम्मान एक समान होने की श्रेष्ठ विचारधारा कायम रहनी चाहिए, लेकिन अव हद हो गई कि विरोधी पक्ष को बोलने ही न देने, कोई प्रश्न पूछने न देने की नई परंपराओं को जन्म देने के भाजपाई कथित प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा के अंदर पक्ष और विपक्ष का नाखुन-मास का रिश्ता है। विपक्ष को सत्ता पक्ष की और से जनता के अहित में कुछ होता दिखेगा तो उसे अहित की पीड़ा जनता के पास पहुंचने को रोकने हेतु विधानसभा में उठ कर संघर्ष करने का संवैधानिक हक है, लेकिन हमारी विधानसभा में आज विपक्ष की आवाज को दबाने की कथित संकीर्ण मानसिकता के साथ विधायकों को धक्के दिए जा रहे हैं। विधान सभा में शिष्टाचार के वातावरण को तहस नहस किया जा रहा है।

शिष्टाचार पर भाजपाइयों की ऐसी सियासी क्रूरता आज पूरे देश के आगे एक चिंतनीय विषय बन कर आ खड़ा हुआ है। पूर्व सांसद ने कहा कि कांग्रेस शासन के समयों में भी विपक्ष में जब भाजपाई रहे हैं उस वक्त जब भी उन्होनें कभी भी अपनी आवाज उठाई तब कभी ऐसा नहीं हुआ कि विरोधियो के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई हो। लेकिन भाजपाइयों ने आज नए भारत के निर्माण की नींव शिष्टाचार व संवैधानिक परंपराओं को तार तार करके रखनी शुरू की है। आने वाला सियासी कल अब भाजपाइयों के पास रहने वाला नहीं है।ऐसा आभास भाजपाइयों को भी हो चुका है। उन्होनें कहा कि प्रजातंत्र संविधान की आत्मा के समान है। हम सबके लिए यहां यह बात गौरवमयी है। आज दुर्भाग्यपूर्ण पहलू साथ में आकर यह खड़ा हो गया है कि भाजपा केंद्र से लेकर राज्यों तक ‘मैं न मानू जैसे अपने हठधर्मी व्यवहार से प्रजातंत्र की मर्यादाओं को तार-तार करने से गुरेज नहीं कर पा आ रही है। संसद तथा राज्यों में विधान सभाओं के अंदर सत्र बुलाना संवैधानिक परंपरा देश आजादी से ही चली आ रही है। कांग्रेस पार्टी ने ऐसी श्रेष्ठ परंपराओं का आदर करने के व्यवहार को हमेशा कायम रखा, अब न जाने ऐसा कौन सा अपशगुन हो गया कि भाजपाईयों के संसद और विधानसभाओं परिसर के अंदर चालू होते सत्रों में उनके चेहरे विरोधी पक्ष को देख चिढ़े-चिढ़े से हो जाते हैं। उन्होनें सत्ताधारी भाजपाइयों से पूछा कि यदि आप चाहते ही नहीं कि उनसे कोई विपक्ष सवाल पूछे तो फिर विधानसभा सत्र बुलाते ही क्यों हैं। ऐसे विधानसभा सत्र बुलाने का कोई औचित्य ही नहीं जिसमें विरोधियो को धक्के मारे जाने हों।
 


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Content Writer

prashant sharma

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