Shimla: आपत्तिजनक तथा सांप्रदायिक पोस्ट डाली तो कानूनी कार्रवाई को रहें तैयार

punjabkesari.in Tuesday, Sep 17, 2024 - 11:11 AM (IST)

रोहड़ू, (स.ह.): उपमंडलाधिकारी (ना.) रोहड़ विजय वर्धन सारस्वत ने कहा है कि कुछ सोशल मीडिया चैनल व पेज, जिनका समाचार मीडिया के रूप में पंजीकरण या प्राधिकरण नहीं है, समाचार मीडिया का रूप धारण कर रहे हैं और कई बार अप्रमाणित, फेक न्यूज, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली खबरें, सांप्रदायिक, आपत्तिजनक, विभाजनकारी या सनसनीखेज पोस्टें बेरोकटोक प्रकाशित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में राजनीतिक पक्षधरता के साथ प्रायोजित पोस्टों को भी मीडिया रिपोर्टिंग के नाम पर सांझा किया गया है जोकि इस प्रकार की यह गतिविधियां समाज में अशांति, अव्यवस्था और वैमनस्य फैलाने को बढ़ावा देते हैं जिन पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। एस.डी. एम. विजय वर्धन सारस्वत ने कहा कि उक्त चैनलों द्वारा तथ्यों को विकृत करना या रिपोटिंग के नाम पर गैर जिम्मेदारी और मीडिया संबंधित आदर्श आचार संहिता का पालन किए बिना पोस्टें सांझा करना एक सामान्य प्रवृत्ति बनती जा रही है जो न केवल सामाजिक सद्भावना को नुक्सान पहुंचाती है बल्कि राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को भी कमजोर करती है।

उन्होंने कहा कि इस गतिविधियों को संवैधानिक स्वतंत्रता से अभिव्यक्ति के नाम पर उचित नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि संविधान में निर्धारित उचित प्रतिबंध (अनुच्छेद 19(2)) इस स्वतंत्रता पर भी लागू होते हैं। उन्हेंनि सभी स्थानीय सोशल मीडिया चैनलों व पेज मालिकों को सचेत करते हुए कहा कि वह अपने प्लेटफार्मों पर सामग्री पोस्ट करने में अत्यंत सावधानी एवं जिम्मेदारी का पालन करें। उन्होंने कहा कि यदि इस संदर्भ में कोई भी पोस्ट कानूनी या नैतिकता के दायरे से बाहर पाई जाती है तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पंजीकृत, जिम्मेदार और मान्यता प्राप्त मीडिया चैनलों को मिलने वाली सुरक्षा का लाभ ऐसे गैर पंजीकृत चैनलों या व्यक्तियों को नहीं मिलेगा। उन्होंने सभी चैनलों एवं पेज मालिकों का आह्वान किया कि यह किसी भी गैर जिम्मेदाराना या सनसनीखेज पोस्ट से बचें। उन्होंने कहा कि इसे प्रारंभिक और अंतिम चेतावनी समझा जाए अन्यथा ऐसे सभी मामलों पर त्वरित संज्ञान लेकर आई.टी. अधिनियम 2000, सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 व भारतीय न्याय संहिता की संयुक्त धाराओं के अंतर्गत आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी। 


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Content Editor

Jyoti M

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