एंटी हेलगन लगने का इंतजार कर रहे बागवान, घटती जा रही सेब की पैदावार

punjabkesari.in Sunday, Jul 29, 2018 - 01:44 PM (IST)

मंडी : शिमला जिला में जहां सेब का सीजन शुरू हो गया है, वहीं मंडी जिला की सराजघाटी का सेब 10 अगस्त तक मार्कीट में पहुंचने की उम्मीद है। प्रदेश सहित मंडी जिला में भी सेब की काफी कम पैदावार हुई है। मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र के बागवान एंटी हेलगन लगने का इंतजार कर रहे हैं। बागवानों का कहना है कि इससे सेब के पौधों की सही ग्रोथ नहीं हो रही है। बागवानी मंत्री ने जल्द सराजघाटी सहित मंडी, कुल्लू और शिमला जिला में 20 एंटी हेलगन लगाने की बात कही है, वहीं मौसम की मार के कारण प्रदेश सहित सराजघाटी में भी सेब का उत्पादन कम होता जा रहा है। बागवान बता रहे हैं कि इस बार मात्र 25 से 30 प्रतिशत पैदावार ही हुई है और कम पैदावार के लिए मौसम की मार सबसे बड़ा कारण मानी जा रही है। समय पर बर्फबारी न होना और काफी कम बर्फबारी होना इसकी मुख्य वजह है। 

घटती जा रही सेब की पैदावार 
घाटी में पिछले कुछ वर्षों से जलवायु परिवर्तन के कारण भी सेब की पैदावार घटती जा रही है। जहां घाटी से हर वर्ष जहां 1,500 से 2,000 ट्रक मार्कीट पहुंचते थे, वहीं अब मात्र 250 से 300 ट्रक निकलने की उम्मीद है।  कम पैदावार को देखते हुए घाटी के बागवानों ने कर्ज के ब्याज में माफी की गुहार भी राज्य सरकार से लगाई है। मौसम की मार से बचने के लिए सरकार ने बागवानों को एंटी हेलनैट की सुविधा सबसिडी पर मुहैया करवाई है लेकिन बागवान अब इस तकनीक को नकारते हुए नजर आ रहे हैं।

बागवानों के अनुसार इससे सेब के पौधों की सही ढंग से ग्रोथ नहीं हो रही है और सेब का पौधा ऊपर जाने के बजाय नीचे की तरफ मुड़ रहा है। इन्होंने सरकार से सराजघाटी में जल्द से जल्द एंटी हेलगन स्थापित करने की गुहार लगाई है। इस बारे बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि केंद्र सरकार से 20 एंटी हेलगन के लिए धनराशि मंजूर करवा दी गई है। ये हेलगन मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों में लगाई जाएंगी ताकि बागवानों को मौसम की मार से बचाया जा सके।


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kirti

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