हिमाचल में बनेंगे आयुष हैल्थ रिजॉर्ट, स्तरोन्नत होंगे संस्थान

punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2020 - 11:33 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश में आने वाले दिनों में आयुष सेवाओं का विस्तार होगा। इसके तहत सरकारी और निजी क्षेत्र में निवेश किया जाएगा। इस निवेश से राज्य में आयुष हैल्थ रिजॉर्ट बनाने का प्रस्ताव है ताकि आम आदमी के साथ बाहर से स्वास्थ्य लाभ के लिए आने वाला व्यक्ति इसका लाभ उठा सके। इसके लिए प्रदेश सरकार ने आयुष नीति-2019 को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इसको लेकर पहले ही मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है।

आयुष थैरेपी यूनिट को स्थापित करने के लिए मिलेगी 25 फीसदी सबसिडी

नई आयुष नीति में लोगों को किफायती दरों पर आयुष सेवाएं उपलब्ध करवाने की बात कही गई है, जिसमें आयुष थैरेपी यूनिट को स्थापित करने के लिए 25 फीसदी सबसिडी का प्रावधान किया गया है। यह राशि अधिकतम 1 करोड़ रुपए तक हो सकती है। इसमें भूमि पर किया गया खर्च शामिल नहीं होगा तथा ऋ ण पर 4 फीसदी ब्याज दिया जाएगा जो प्रतिवर्ष अधिकतम 15 लाख रुपए होगा। इसी तरह 6 वर्षों के लिए 75 फीसदी की दर से शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति की सुविधा भी दी जाएगी। नई नीति में आयुष अस्पतालों और औषधालयों को स्तरोन्नत करने की बात कही गई है।

नीति का यह है प्रमुख उद्देश्य

इस नीति का प्रमुख उद्देश्य द्वितीय एवं तृतीय स्तर पर आयुष चिकित्सा पद्धति को स्तरोन्नत एवं सुदृढ़ कर रोगियों को आयुर्वेद स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार के लिए प्रेरित करना है। प्रदेश सरकार पहली बार हिमाचल प्रदेश राज्य आयुष नीति लेकर आई है जिसके अंतर्गत आयुष एवं आरोग्य क्षेत्र में संभावित निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहनों को शामिल किया गया है। आयुष नीति में ऊर्जा बचत, पर्यावरण संरक्षण तथा महिला उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त हिमाचली लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए सहायता दी जाएगी तथा चयनित परियोजनाओं में लीज रैंट और स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी।

पपरोला में बनेगा अखिल भारतीय संस्थान

राज्य सरकार ने कांगड़ा जिला के पपरोला स्थित राजीव गांधी राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वैदिक महाविद्यालय को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार से 350 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाने की मांग की है। राज्य सरकार की तरफ से इसकी फाइल तैयार कर ली गई है जिसे केंद्र को भेजा जा रहा है ताकि आयुष मंत्रालय से इसे मंजूरी मिल सके। इसी तरह पंचकर्मा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए मालिश करने वालों के 35 पद तथा आयुर्वैदिक फार्मासिस्टों के 200 पदों को अनुबंध आधार पर भरने की स्वीकृति प्रदान की गई है जिनमें से 103 पदों को सीधी भर्ती और शेष 97 पदों को बैच आधार पर भरा जाएगा।

आयुष नीति की विशेष बातें

1. विशेषज्ञ सेवाओं को उपलब्ध करवाना।
2. आयुष शिक्षा को प्रभावी बनाया जाएगा।
3. शोध एवं नए प्रयोगों पर ध्यान दिया जाएगा।
4. परम्परागत चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देना।
5. उपलब्ध चिकित्सा ढांचे को सुदृढ़ करना।
6. निजी क्षेत्र में हर्बल गार्डन को स्थापित करना।
7. आयुष केंद्रों में योगा व मैडीटेशन पर ध्यान देना।


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Vijay

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