Kangra: इस वर्ष आलू के बीज पर अनुदान नहीं देगा कृषि विभाग, जानें क्या है कारण
punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 04:24 PM (IST)
पालमपुर (भृगु): किसानों को इस बार रबी सीजन की प्रमुख नकदी फसल आलू के बीज पर अनुदान नहीं मिलेगा। इस वर्ष आलू के बीज पर अनुदान कृषि विभाग द्वारा नहीं दिया जा रहा है। आलू इस सीजन में किसानों के लिए प्रमुख नकदी फसल है। रबी सीजन में कांगड़ा जनपद में लगभग 800 हैक्टेयर क्षेत्र में आलू का उत्पादन होता है। इस हेतु किसानों को लगभग 355 क्विंटल आलू के बीज की आवश्यकता रहती है। वहीं लगभग 86 क्विंटल बीज अपने स्तर पर उपलब्ध करवाया जाता है। जनपद में 15 दिसम्बर तक आलू की बिजाई का उपयुक्त समय है परंतु किसान परिस्थितियों के अनुसार जनवरी तक आलू की बिजाई करते हैं। जनपद केे खरीफ सीजन से अधिक रबी सीजन में किसान आलू की बिजाई करते हैं।
ये रहेंगी बीज की दरें
जानकारी अनुसार इस बार किसानों का 3500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से सर्टीफाइड बीज उपलब्ध करवाया जा रहा है, जबकि फाऊंडेशन सीड 3700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से उपलब्ध करवाया जा रहा है। फाऊंडेशन सीड आलू का बीज उत्पादन करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। यद्यपि इस बार आलू के बीज का मूल्य गत वर्षों की अपेक्षा कम है। गत वर्ष आलू का बीज 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से उपलब्ध करवाया गया था। ऐसे में अनुदान के पश्चात किसानों को बीज उपलब्ध करवाया गया था। इस बार कम मूल्य होने के कारण आलू के बीज का मूल्य गत वर्ष की अपेक्षा कम ही रह रहा है।
कांगड़ा जिले में आलू उत्पादन
कांगड़ा जिले में आलू उत्पादन रोगमुक्त गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहां प्रति वर्ष लगभग 40-50 हजार टन आलू पैदा होता है। इसमें से भी 5 विकास खंडों में ही करीब 90 प्रतिशत आलू की पैदावार होती है। मुख्य रूप से 5 विकास खंडों में विशेष रूप से नगरोटा और पठियार में चिप्स के लिए बहुत अच्छे माने जाने वाले आलू उगाए जाते हैं। कुफरी ज्योति किस्म यहां अधिक लोकप्रिय है और बैजनाथ, छोटा भंगाल मुल्थान घाटी और बरोट चौहार घाटी जैसे क्षेत्र इसके उत्पादन के लिए जाने जाते हैं।
डा. कुलदीप धीमान, उपनिदेशक कृषि ने कहा कि आलू का सर्टीफाइड बीज 3500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से उपलब्ध करवाया जा रहा है, जबकि फाऊंडेशन सीड 3700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस बार आलू का बीज गत वर्ष की अपेक्षा सस्ता है। इस बार आलू के बीज पर अनुदान नहीं दिया जा रहा है।

