अग्निहोत्री बोले- चुने हुए प्रतिनिधियों को रखा जा रहा दूर, हारे हुए नेताओं को दिया जा रहा मंच

punjabkesari.in Monday, Jul 02, 2018 - 09:27 AM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम को ही जनमंच कार्यक्रम का नाम जयराम सरकार ने दिया है जबकि इसमें नया कुछ भी नहीं है। यहां जारी बयान में अग्निहोत्री ने कहा कि शांता कुमार, वीरभद्र सिंह व प्रो. प्रेम कुमार धूमल के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रमों का आयोजन होता था। यह आयोजन वर्तमान जनमंच कार्यक्रम से ज्यादा सफल आयोजित होते थे। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है, वहां जनमंच कार्यक्रम एक तरह से सरकारी राजनीतिक प्रायोजित कार्यक्रम बनकर रह गए हैं। इसमें चुने हुए प्रतिनिधियों को प्रशासन द्वारा दूर रखा जा रहा है जबकि इन्हें भाजपा का रंग दिया जा रहा है।


अग्निहोत्री ने कहा कि ऊना जिला में 2 कार्यक्रम हुए हैं और दोनों में ही कांग्रेस विधायक हैं और यहां हारे हुए नेताओं को मंच दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने कार्यक्रम तय करे इसमें कोई आपत्ति नहीं लेकिन चुने हुए प्रतिनिधियों को किस तरह सरकारी कार्यक्रमों में सम्मान देना है यह सरकार को तय करना चाहिए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अदला-बदली से काम नहीं करने की बात तो कही थी लेकिन 6 महीनों में ऐसा नजर नहीं आ रहा है। मुख्यमंत्री राजनीतिक बेडिय़ों में नजर आ रहे हैं। उनका रिमोट कहीं दूसरे स्थान से चल रहा है और संघ के लोगों का उनके कार्यालयों पर काफी दबदबा है। अग्निहोत्री ने कहा कि स्पीकर का पद गरिमापूर्ण है, ऐसे में हारे हुए लोगों से मंच सांझा करना स्पीकर को शोभा नहीं देता है। 


हमीरपुर संसदीय हलके में हवाई पट्टी का निर्माण हो
कांग्रेस विधायक दल के नेता अग्निहोत्री ने हमीरपुर संसदीय हलके में हवाई पट्टी के निर्माण की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे और जरूरत पड़ी तो केंद्र से भी मामला उठाया जाएगा। हमीरपुर संसदीय हलके में हवाई पट्टी के निर्माण की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए। कांग्रेस पार्टी इसमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि हमीरपुर संसदीय हलके में हवाई पट्टी नहीं है जबकि तीनों संसदीय हलकों में हवाई पट्टियां मौजूद हैं, ऐसे में यहां भी इसका निर्माण आवश्यक रूप से होना चाहिए।


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Ekta

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