मदद के हाथ बचा सकते हैं अमित की जिंदगी, पीजीआई में लड़ रहा है जिंदगी की जंग

punjabkesari.in Tuesday, Dec 21, 2021 - 05:27 PM (IST)

हमीरपुर : उसने अभी जिंदगी को जीना शुरू किया ही था। आंखों में सपने थे और माता-पिता की सेवा के अरमान थे। जिंदगी में बहुत कुछ तो नहीं पर कुछ कर गुजरने करी तमन्ना थी। पर एक हादसे ने ना सिर्फ उसके सारे सपनों और अरमानों को तोड़कर रख दिया बल्कि उसकी जिंदगी को एक जंग बना दिया। हम बात कर रहे हैं बाबा बालकनाथ बल्ह बिहाल पंचायत के मथोल गांव का 23 वर्षीय अमित कुमार की, जो कि चंडीगढ़ के पीजीआई में अपनी जिंदगी से जंग लड़ रहा है। करीब 6 साल पहले से पेड़ से गिरने के कारण उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी और फिर वह कभी उठकर खड़ा नहीं हो पाया। परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि उसे फिर से नई जिंदगी दे सके, ऐसे में अमित सिर्फ ना अपनी बेबसी को कोसता है, बल्कि जिंदगी जीने के लिए हर रोज एक संघर्ष कर रहा है। अमित के साथ उसके परिवार को भी संघर्ष करना पड़ रहा है। अमित के इलाज में होने वाले खर्च के लिए यह परिवार रोज मुश्किलों से दो-चार होता है।

अमित का 6 सालों से इलाज पीजीआई चंडीगढ़ में चल रहा है, जिसके उसके परिवारजन पाई पाई के मोहताज हो गए हैं। अब हालात यह है कि अमित कुमार के पिता जो मजदूरी का काम करते थे उन्हें भी अमित कुमार के साथ पीजीआई चंडीगढ़ में रहना ही पड़ रहा है। महीने में 5 बार पीजीआई में उनको बुलाया जाता है, जिसके चलते उन्होंने पीजीआई हॉस्पिटल के नजदीक में ही 4500 रुपए का एक कमरा किराए पर ले लिया है, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के चलते दिन प्रतिदिन अपने बेटे को बचाने की मंजिल दूर नजर आ रही है। इनके पास जितनी जमा पूंजी थी इन्होंने उसको खर्च कर दिया।  अब इनको आर्थिक सहायता की जरूरत है। अपने बेटे की जिंदगी बचाने की परिवार के पास भी एक यही आखिरी उम्मीद है कि मददगार के तौर पर लोग आएंगे और उनके बेटे की जिंदगी बच जाएगी। अमित की इस व्यथा को जानने के बाद जो भी उनकी मदद करना चाहता है वह पीड़ित अमित कुमार के पीएनबी के अकाउंट नंबर 6414000100060020 पर सहायता राशि डाल सकते हैं या फिर मोबाइल नंबर 7973242179 संपर्क कर सकते हैं। 
 


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Content Writer

prashant sharma

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