अब यह यंत्र करेगा भविष्यवाणी, चंद घंटे पहले पता लगेगा मौसम का मिजाज (Video)

punjabkesari.in Tuesday, Aug 06, 2019 - 05:17 PM (IST)

शिमला (योगराज): हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक आपदा से हर साल जहां करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ता है, वहीं कई लोगों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। प्रदेश में मौसम कब कहर बरपा दे इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है और बरसात के मौसम में तो खतरा और भी बढ़ जाता है। हालांकि प्रदेश में इन दिनों भारी बारिश का कहर जारी है। लेकिन यकीन मानिए अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि अब आपको मौसम की सही जानकारी लग पाएगी, दरअसल प्रदेश आपदा प्रबंधन ने प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने जैसी घटनाओं को देखते हुए शिमला के कुफरी, चंबा के डल्हौजी और कुल्लू में डॉप्लर रडार लगाने की कवायद तेज कर दी है। बता दें कि इन तीनों रडारों की रेंज करीब 100 किलोमीटर की होगी, इनसे जहां किसानों और बागवानों मौसम का पूर्वानुमान पहले से मिलेगा, वहीं सैलानियों और कारोबारियों को भी राहत मिलेगी। 

उल्लेखनीय है कि बादलों से संबंधित सूचनाओं के लिए अभी हिमाचल को मौसम विज्ञान केन्द्र, दिल्ली और पटियाला पर आश्रित रहना पड़ता है। इन केन्द्रों से प्रसारित सूचना के आधार पर ही यहां बारिश से सम्बन्धित अलर्ट जारी किए जाते हैं। यहां समस्या यह है कि इसमें हिमाचल की पूरी स्थिति कवर नहीं कर पाती हैं। बादल फटने की घटना का पूर्वानुमान लगाना बहुत मुश्किल होता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बादल फटने की घटना का अनुमान नाउकास्ट पद्धति के द्वारा ऐसा होने के कुछ ही घंटों पहले लगाया जा सकता है। इसी मक़सद से भारत में पहला डॉप्लर वेदर रडार चेन्नई में 2005 में लगाया गया था। देश में बड़ी संख्या में डॉप्लर वेदर रडार लगाने की पहल मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज द्वारा वर्ष 2007 में की गई थी। अभी तक देश मे लगभग ढाई दर्जन डॉप्लर राडार लग चुके हैं।


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Ekta

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