ब्रिटिशकाल के बंद पड़े 69 नाले खुलेंगे, राजस्व विभाग से मांगा रिकार्ड, कई नाले चढ़े बड़े प्रोजैक्ट्स की भेंट

punjabkesari.in Friday, Aug 23, 2024 - 02:48 PM (IST)

शिमला, (वंदना): राजधानी शिमला में पानी की निकासी को सुधारने के लिए नगर निगम ब्रिटिशकालीन ड्रेनेज सिस्टम को फिर खुलवाने की तैयारी कर रहा है। अंग्रेजों के समय से शिमला में 69 नाले हैं, जिनमें से अधिकतर कई बड़े प्रोजैक्ट की भेंट चढ़ चुके हैं, जबकि कई नालों के ऊपर अब बहुमंजिला भवन बन चुके हैं। इससे जल निकासी की जो पुरानी व्यवस्था थी, वह बंद हो गई है और अंदर ही अंदर पानी का रिसाव हो गया है।

नगर निगम ने राजस्व रिकार्ड के मुताबिक इन 69 नालों का पूरा रिकार्ड विभाग से मांगा है, ताकि फील्ड में जाकर देखा जाए कि इनमें से कितने नाले आज भी मौजूद हैं और कितनों के ऊपर मकान बन चुके हैं। ऐसे में जहां पर मकान बन चुके हैं, इसके साथ ही नाला बनाया जाए, ताकि पानी की निकासी हो सके और मकानों को बरसात के दौरान कोई खतरा पैदा न हो। मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि ब्रिटिशकालीन समय के 69 नाले हैं, जिनमें से कई बंद हो गए हैं। शहर में विकास के साथ इन नालों को बंद कर दिया गया है, जिससे जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है। 

ऐसे में पुराने सभी नालों का पूरा रिकार्ड मांगा गया है। निगम फील्ड में जाकर इन नालों की जांच-पड़ताल कर बंद नालों को खोलेगा। नगर निगम प्रशासन का मानना है कि शहर के सभी पुराने नालों को पूरी तरह से खोलने के बाद शहर को बरसाती पानी से होने वाले नुक्सान से बचाया जा सकता है। इन्हीं नालों को तलाशने के बाद नए सिरे से इनकी मुरम्मत करने और शहर में जहां भी आवश्यकता है, वहां पर नए सिरे से ड्रेनेज सिस्टम को विकसित करने के लिए पूरा प्लान भी तैयार किया जाना प्रस्तावित है। नगर निगम ने इसके लिए 78 करोड़ का प्लान तैयार कर प्रदेश सरकार की अनुमति के लिए भेजा है। सरकार से इसके लिए राशि मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

पानी के पुराने सिस्टम को भी जांचेगा निगम

राजधानी में ब्रिटिशकालीन पेयजल लाइनों को भी बदला जाना है। पाइपों में लीकेज की समस्या पैदा हो गई है। इसके कारण कई जगहों पर लीकेज की समस्या पेश आ रही है। ऐसे में नगर निगम इस पुराने कटर सिस्टम की भी जांच करेगा। शहर में कई जगहों पर जमीन के काफी नीचे से पानी का रिसाव हो रहा है, लेकिन कपनी प्रबंधन लीकेज कहा सेहो रही है, इसका पता नहीं लग पा रहा है। ऐसे में इस पूरे सिस्टम की जांच-पड़ताल कर लीकेज को दुरुस्त किया जाएगा।


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News Editor

Rahul Singh

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