ऊना में लंपी स्किन डिजीज का कहर, एक दिन में 67 पशुओं की मौत
punjabkesari.in Thursday, Sep 01, 2022 - 09:13 PM (IST)
ऊना (मनोहर/पांजला): ऊना जिले में लंपी स्किन डिजीज का प्रकोप बढ़ गया है। वीरवार को 67 पशुओं की मौत हुई जबकि 267 नए मामले आए। वहीं, गांवों में दवाई की किल्लत के चलते पशु प्रेमी और पशुपालक परेशान हैं। उनका कहना है कि सरकारी अस्पतालों और दुकानों में भी दवाई नहीं मिल रही है। जो मिल रही है वह काफी महंगी है। हालांकि पशुपालन विभाग के उपनिदेशक से लेकर डाॅक्टर्स, फार्मासिस्ट व पूरा स्टाफ इस बीमारी से ग्रस्त पशुओं के इलाज के लिए लगातार फील्ड में डटा है। पशुपालन विभाग के अधिकारी लगातार कैंप लगाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। अब तक 7575 पशु बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 2416 रिकवर हुए हैं जबकि 4770 का इलाज जारी है। 389 पशुधन की बीमारी से अब तक मौत हो चुकी है। चौकाने वाली बात है कि पहले मौत का आंकड़ा हर रोज 20 से 30 था लेकिन अब यह आंकड़ा 67 पर पहुंच गया है। जिले में बढ़ रही बीमारी के चलते अब सामाजिक संस्थाएं भी प्रशासन के सहयोग के लिए आगे आई हैं।
फीड व पानी का प्रबंध कर इलाज के लिए आगे आई मानव कल्याण समिति
जिले में बीमारी से पशुओं बचाने में मानव कल्याण समिति के संयोजक संजीव सोनी की देखरेख में समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों ने मुहिम चलाई है। इसमें वैटर्नरी ऑफिसर डा. अमित शर्मा टीम का सहयोग कर रहे हैं। समिति के संयोजक संजीव सोनी, नीरज भारद्वाज, विनोद शर्मा, अभिनव शर्मा, प्रदीप ङ्क्षथड, भूपिन्द्र ठाकुर, विवेक रसीन, राजीव सोनी, दीदार सिंह, केएल पुरी, सुखविन्द्र सैनी व जितेन्द्र सैनी ने कहा कि पशुपालन विभाग की एडवाइजरी के अनुसार ही एमकेएस टीम द्वारा विनोद शर्मा की देखरेख में पीड़ित गौवंश का इलाज किया जा रहा है। बेसहारा गौवंश को मैहतपुर सहित अनेक स्थानों पर प्रतिदिन फीड डाली जा रही है। बसदेहड़ा, रायपुर व मैहतपुर में पानी के लिए टैंक बनाकर इंतजाम कर दिया है। इन टैंक से बाकायदा पानी का कनैक्शन दिया गया है। जिससे गौवंश को भटकना नहीं पड़ रहा है।
10 दिन से गौवंश को बचाने में जुटे शहीद भगत सिंह क्लब के सदस्य
गगरेट उपमंडल के तहत अंबोटा में शहीद भगत सिंह क्लब सदस्य गौवंश को बचाने में पिछले 10 दिन से जुटे हैं। मर रहीं गौवंश को दफनाने के साथ उनके इलाज के लिए खुद पैसे जुटाकर बाहर से दवाइयां खरीद रहे हैं। क्लब प्रधान मुनीष ठाकुर और शम्मी ने बताया कि पशुपालन विभाग के पास दवाइयों की किल्लत के चलते आधे पशु बिना इलाज के मर रहे हैं। गांव के फार्मासिस्ट की मदद से देसी इलाज कर कुछ गौवंश को बचाया भी जा रहा है लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी दवाइयां न मिलने पर आ रही हैं। उन्होंने बताया कि अकेले अंबोटा में 1300 के करीब पशुधन है। इनमें काफी संख्या में पशु बीमार हैं। क्लब सदस्य डा मोहन गोपाल, रजिंद्र बंसल, मीत सिंह, अभी सांगर व सदस्य दिलजान ने सरकार से मांग की है कि वैटर्नरी अस्पताल में दवाइयों की व्यवस्था करवाई जाए ताकि गौवंश को बचाया जा सके।
क्या कहते हैं रैपिड रिस्पाॅन्स टीम इंचार्ज
पशुपालन विभाग की रैपिड रिस्पाॅन्स टीम के इंचार्ज डाॅ. आरके भट्टी ने बताया कि जिले में लंपी स्किन डिजीज से आज 67 पशुधन की मौत हुई है। अब तक 2416 पशु रिकवर भी हो चुके हैं। पशुपालक लगातार अपने पशुओं की निगरानी रखें। बीमारी के कोई भी लक्षण पाए जाने पर पशुपालन विभाग को तुरंत सूचित करें।
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