चैक बाऊंस के 3 अलग-अलग मामलों में 3 दोषियों को कैद व जुर्माने की सजा
punjabkesari.in Tuesday, Aug 30, 2022 - 09:50 PM (IST)

अम्ब (अश्विनी): जेएमआईसी-2 अम्ब विशाल तिवारी व जेएमआईसी-3 अम्ब कुलदीप शर्मा की अदालत ने चैक बाऊंस के 3 अलग-अलग मामलों में 3 आरोपियों को दोषी करार देते हुए कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार पहले मामले में जेएमआईसी-2 अम्ब विशाल तिवारी की अदालत ने दोषी को एक साल की सजा तथा 2 लाख रुपए जुर्माना किया है। शिकायतकर्ता के वकील अश्विनी अरोड़ा ने बताया कि रोहित शर्मा पुत्र केदारनाथ शर्मा ने वर्ष 2014 में एक फर्म को एक लाख 800 रुपए का सामान बेचा था जिसके बदले उन्हें एक लाख का चैक दिया। जब उन्होंने चैक को गगरेट स्थित बैंक शाखा में भुगतान के लिए लगाया तो खाते में पैसा न होने के कारण चैक बाऊंस हो गया। इस बारे शिकायतकत्र्ता ने वकील के माध्यम से आरोपी को एक नोटिस जारी किया और उसके बाद अदालत में केस कर दिया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर अपने फैसले में आरोपी को 138 नैगोशियेवल इंस्ट्रूमैंट के तहत दोषी करार देते हुए उक्त सजा सुनाई है।
6 माह की कैद व अढ़ाई लाख हर्जाने की सजा
दूसरे मामले में जेएमआईसी-3 अम्ब कुलदीप शर्मा की अदालत ने दोषी को 6 माह की कैद तथा अढ़ाई लाख हर्जाने की सजा सुनाई है। शिकायतकर्ता की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वकील अश्विनी अरोड़ा ने बताया कि कुलदीप कुमार पुत्र रतन चंद निवासी गथडू ने अदालत में केस दर्ज करवाया था कि एक व्यक्ति ने वर्ष 2014 में उससे 2 लाख रुपए उधार लिया था। जनवरी 2017 में जब उसने पैसे वापस मांगे तो आरोपी ने उसे 2 लाख का चैक दे दिया। जब उसने चैक को बैंक शाखा में भुगतान के लिए लगाया तो बैंक में चैक बाऊंस हो गया। इस बारे शिकायतकत्र्ता ने वकील के माध्यम से आरोपी को एक नोटिस जारी किया और उसके बाद अदालत में केस कर दिया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर अपने अहम फैसले में आरोपी को नैगोशिएबल इंस्ट्रूमैंट एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए उक्त सजा सुनाई है।
6 माह की कैद तथा 3.70 लाख रुपए जुर्माने की सजा
तीसरे मामले में जेएमआईसी-3 अम्ब कुलदीप शर्मा की अदालत ने दोषी को 6 माह की कैद तथा 3 लाख 70 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। शिकायतकर्ता की तरफ से केस की पैरवी कर रहे वकील अश्विनी अरोड़ा ने बताया कि दीपक कुमार पुत्र हरीबल्लभ शर्मा निवासी मुखो नैहरियां ने जून, 2019 में अदालत में केस दर्ज करवाया था कि एक व्यक्ति ने घरेलू जरूरत के लिए जनवरी 2015 में उससे 3 लाख रुपए उधार लिए थे। जब उसने पैसे वापस मांगे तो आरोपी ने अप्रैल 2019 में उसे 3 लाख का चैक दे दिया। जब उसने चैक को बैंक शाखा में भुगतान के लिए लगाया तो बैंक में चैक बाऊंस हो गया। इस बारे शिकायतकर्ता ने वकील के माध्यम से आरोपी को एक नोटिस जारी किया और उसके बाद अदालत में केस कर दिया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर अपने अहम फैसले में आरोपी को नैगोशिएबल इंस्ट्रूमैंट एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए उक्त सजा सुनाई है।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here