मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना: 14 अनाथ बच्चों को मिला नामी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश

punjabkesari.in Wednesday, Jun 12, 2024 - 04:59 PM (IST)

शिमला (अभिषेक): मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों को सुविधाएं मिलनी शुरू हो गई हैं। इसके तहत प्रदेश के 14 अनाथ बच्चों को कॉन्वैंट और अन्य प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में प्रवेश मिला है। शिशु सुधार गृह की 3 अनाथ लड़कियों को लोरैटो कॉन्वैंट ताराहाल स्कूल शिमला में दाखिला मिल गया है। अब इन्हें परिवहन सुविधा भी शीघ्र उपलब्ध होगी। इसके अलावा शिशु सुधार गृह के 5 बच्चों को दयानंद पब्लिक स्कूल शिमला जबकि 4 अनाथ बच्चों को पाइनग्रोव स्कूल सोलन और 2 बच्चों को डीएवी स्कूल सुंदरनगर में दाखिला मिला है। प्रदेश सरकार इन बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च वहन कर रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संबंधित विभाग को प्रदेश के अन्य प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में और अधिक अनाथ बच्चों को दाखिला दिलाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं।

अब तक 68 लाभार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए मिले 28.30 लाख रुपए
इस योजना के अंतर्गत 48 लाभार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए 15.52 लाख रुपए की वित्तीय सहायता, 17 बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए 7.02 लाख रुपए, 1 बच्चे को कुशल विकास के लिए 17500 रुपए, 3 बच्चों को स्टार्टअप परियोजनाओं के लिए 6 लाख और 2 अनाथ बच्चों को वर्ष 2023-24 के लिए भूमि आबंटित की गई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 68 लाभार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए 28.30 लाख रुपए, व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए 48 बच्चों को 26.95 लाख रुपए, 2 अनाथ बच्चों को कौशल विकास के लिए 3.13 लाख रुपए और 4 लाभार्थियों को स्टार्टअप परियोजनाओं के लिए 7.45 लाख रुपए दिए गए हैं।

2719 लाभार्थियों को पॉकेटमनी के रूप में 4.34 करोड़ की मिली वित्तीय मदद
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के माध्यम से अनाथ बच्चों को सुविधाएं मिल रही हैं। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) में रहने वाले 1084 बच्चों को 1.02 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता से लाभान्वित किया गया है और 2719 लाभार्थियों को 4000 रुपए की प्रतिमाह पॉकेटमनी के रूप में 4.34 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। ये बच्चे हर्षोल्लास के साथ त्यौहार मनाएं, इसके लिए 1084 बच्चों को त्यौहार भत्ते के रूप में 59.81 लाख रुपए, वस्त्र भत्ते के रूप में 54.20 लाख रुपए और पोषण आहार राशि के रूप में 32.52 लाख रुपए वितरित किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1061 अनाथ बच्चों को सामाजिक सुरक्षा के रूप में 1.99 करोड़ रुपए, 3121 लाभार्थियों को 4000 रुपए प्रति माह पॉकेटमनी के रूप में 16.89 करोड़ रुपए और त्यौहार भत्ते के रूप में 1025 अनाथ बच्चों को 65.76 लाख रुपए की राशि शीघ्र ही वितरित की जाएगी, जिसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने की प्रक्रिया प्रगति पर है।

मील का पत्थर साबित हो रही योजना : सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार वंचितों के उत्थान को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने अनाथ बच्चों को सहारा प्रदान करने के लिए विशेष रूप से कानून बनाया है। प्रदेश सरकार इन बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाकर उनकी बेहतर देखभाल सुनिश्चित कर उन्हें सम्मानजनक जीवन दे रही है। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के माध्यम से अनाथ बच्चों की विश्व स्तरीय शिक्षा ग्रहण करने की अभिलाषा पूरी हो रही है। प्रदेश सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना राज्य के अनाथ बच्चों को कॉन्वैंट और अन्य प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में दाखिला दिलाने में मील का पत्थर साबित हो रही है।
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Content Writer

Vijay

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