गलत ऋण आबंटन मामला : पर्दाफाश के बाद भी 2 वर्ष तक दबाए रखा घोटाला

punjabkesari.in Sunday, Aug 13, 2017 - 12:10 AM (IST)

हमीरपुर: बहुचर्चित बल्यूट सोसायटी में लाखों रुपए के गलत ऋण आबंटन के मामले में अब नया मोड़ आ गया है तथा विभागीय कार्यप्रणाली व सोसायटी की कमेटी भी सचिव सहित उक्त पूरे गोलमाल में जवाबदेह मानी जा रही है। हालांकि विभाग द्वारा सोसायटी के सचिव को सस्पैंड करने के साथ ही उसके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवा दी गई है तथा उसके बैंक खाते व जमीन भी बांड कर ली गई है लेकिन अब ये सवाल उठ रहे हैं कि जब वर्ष 2012-13 में यह मामला पकड़ा गया था तो उस समय इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। 

महिला ऑडिटर ने पकड़ा था मामला 
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2012-13 में हुए ऑडिट में करीब एक दर्जन लोगों को ही 56 लाख रुपए के गलत ऋण बांट दिए थे और जिस महिला ऑडिटर ने उक्त गलत ऋण आबंटन का मामला उजागर किया था, उसे सोसायटी की कमेटी के कहने पर बदल दिया गया था। यानी बल्यूट सोसायटी में गलत ऋण आबंटन मामला 2 वर्ष तक दबाए रखा, जिसके चलते लाखों रुपए का घोटाला करके सोसायटी का सचिव परिवार सहित फरार हो गया। इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट होता है कि उक्त मामले में कहीं न कहीं तत्कालीन विभागीय अधिकारी की भी गलती रही होगी। अगर उसी दौरान कार्रवाई की होती तो शायद आज गलत ऋण आबंटन के चलते करोड़ों रुपए स्वाह नहीं होते।

मामला उजागर करने वाले को सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले किया सस्पैंड
जून, 2015 में आए सहकारी सभाएं के नए ए.आर.ओ. ने उक्त मामले में छानबीन व जांच शुरू की, जिसके बाद उक्त मामले में कार्रवाई की गई और सचिव के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने के साथ ही उसकी जमीन व बैंक खाते भी सीज किए गए लेकिन जिस ए.आर.ओ. ने उक्त पूरे मामले को उजागर किया, उसको भी सरकार ने सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले सस्पैंड कर दिया, जिसमें सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं, वहीं विभागीय कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है। 

1-2 दिनों में सामने आ जाएगी सच्चाई
सहकारी सभाएं हमीरपुर के सुपरिंटैंडैंट राकेश कुमार ने बताया कि उक्त सोसायटी का दोबारा ऑडिट करवाया जा चुका है तथा 1-2 दिनों में सच्चाई सबके सामने आ जाएगी। जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। 


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