राज्य सरकार ने लाखों कर्मचारियों को दिया तोहफा, इतने % मिलेगा DA

punjabkesari.in Tuesday, Sep 12, 2017 - 11:35 AM (IST)

शिमला: राज्य सरकार ने लाखों कर्मचारियों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता जारी करने के शासन ने आदेश दे दिए हैं। अक्टूबर में मिलने वाले वेतन में कर्मचारियों को बढ़ा हुआ डीए मिलेगा। यानि डी.ए. सितम्बर माह के वेतन के रूप में मिलेगा जिसका भुगतान अक्तूबर माह में किया जाएगा। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कर्मचारी व पैंशनर्ज को जनवरी, 2017 से डी.ए. देने की घोषणा रामपुर में 71वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की थी। सरकार की तरफ से कर्मचारियों को डी.ए. देने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई गई है। इससे सरकारी खजाने पर करीब 200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। 


सरकार के कर्मचारियों को कुल इतने फीसदी मिलेगा डी,ए. 
4 फीसदी डी.ए. मिलने के बाद राज्य सरकार के कर्मचारियों को अब तक कुल 134 फीसदी डी.ए. मिलेगा। इसी तरह अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को 2 फीसदी डी.ए. मिलेगा। उन्हें अब 2 फीसदी की जगह कुल 4 फीसदी डी.ए. मिलेगा। अखिल भारतीय सेवा को नए वेतनमान के तहत वेतन मिल रहा है और इसलिए उन्हें 2 फीसदी डी.ए. मिलेगा। केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष ही नया वेतनमान लागू किया है। इस कारण उन्हें 2 फीसदी डी.ए. मिलेगा। कर्मचारियों का जनवरी से अगस्त माह तक का डी.ए. का लाभ जी.पी.एफ. में जमा होगा। वित्त विभाग की तरफ से इस आशय संबंधी आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा सरकार के निगम और बोर्डों, स्वायत संस्थानों और विश्वविद्यालयों इत्यादि के कर्मचारियों को डी.ए. देने को लेकर संबंधित प्रबंधन अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए अपने स्तर पर निर्णय लेंगे।


डी.ए. के साथ आई.आर. भी दे रही सरकार
राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को 4 फीसदी डी.ए. के साथ इतना ही आई.आर. भी दे रही है। वित्तीय संकट से जूझ रही सरकार को इसका भुगतान करने के लिए कर्ज लेने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। सरकार की तरफ से इसके लिए 800 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया है ताकि इसका भुगतान किया जा सके। इस समय वेतन व पैंशन की अदायगी के कारण सरकार पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इसके अनुसार वर्ष, 2015-16 में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 23,440 करोड़ रुपए से बढ़कर 5,597 करोड़ रुपए तक पहुंच गईं। इसी साल राज्य का कुल खर्च 28,960 करोड़ रुपए तक पहुंचा जबकि राजस्व व्यय 22,303 करोड़ रुपए हो गया। वर्ष, 2011-16 के मध्य वेतन, ब्याज के भुगतान, पैंशन व उपदान पर खर्च में लगातार बढ़ौतरी हुई है। उक्त मदों पर वर्ष, 2011-12 के 11,027 करोड़ रुपए के मुकाबले वर्ष, 2015-16 में खर्च 16,511 करोड़ रुपए हुआ।


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