15 हजार का मोबाइल मात्र साढ़े 3 हजार में.....और लग गया चूना

punjabkesari.in Saturday, Dec 09, 2017 - 07:22 PM (IST)

स्वारघाट: हैलो! मुबारक हो, लक्की ड्रा के तहत निकाले गए चुनिंदा व्यक्तियों में से आप को मिलता है एक आकर्षक उपहार और जी बंदा बागोबाग। मोबाइल सेवा के बढ़ते कदमों का आभास होते ही जालसाजों ने अब इस मोबाइल सेवा को ही अपना अचूक हथियार बना लिया है। पहले ए.टी.एम. नंबर और फिर लॉटरी व अब लक्की ड्रा और न जाने किस किस नाम पर ठगों ने आम आदमी का जीना दूभर कर दिया है। कुछ इस तरह से मोबाइल फोन पर आ रही फेक कॉल की भेंट स्वारघाट क्षेत्र का एक और युवक चढ़ गया है। जिसमें उक्त युवक को 15 हजार की कीमत वाला सैमसंग ग्लैक्सी फोन मात्र साढ़े 3 हजार रुपए में देने का लालच देकर उसे अपने निशाना बनाया गया और उससे साढ़े 3 हजार रुपए ऐंठ कर एक छोटे बच्चे की बैल्ट थमा दी। हालांकि युवक ने इस संबंध में अपनी गलती मानकर पुलिस के पास जाना उचित नहीं समझा। बता दें कि अभी हाल ही में ग्राम पंचायत कुटैहला के गांव क्यारियां का युवक भी ठीक ऐसी ही तर्ज पर सैमसंग फोन के नाम पर बैल्ट को ही अपने सीने से लगाकर राशि लुटवा चुका है।

ऐसे हुआ ठगी का शिकार 
ठगी का शिकार हुए युवक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसके मोबाइल पर एक कॉल आई जिसमें उसे कहा गया कि निकाले गए लक्की ड्रा के तहत आपको 15 हजार की कीमत वाला सैमसंग ग्लैक्सी फोन मात्र साढ़े 3 हजार रुपए में दिया जा रहा है। ठगों ने युवक को कम समय अवधि होने का हवाला देकर इस मौके का फायदा उठाने पर जोर दिया। ठगों ने गेम खेलते हुए अपना अकाऊंट नंबर नहीं दिया तथा पार्सल का सहारा लेकर बातों में आते ही उन्होंने युवक का पता पूछा और उसे जल्द ही घर बैठे फोन डिलीवरी का लॉलीपॉप थमा दिया। वह क्षण भी शीघ्र ही आ गया जब बेकरारी से अपने मोबाइल का इंतजार कर रहे युवक का पार्सल उसके द्वारा लिखाए गए पते पर डाकघर में पहुंच गया और युवक ने साढ़े 3 हजार रुपए देकर अपना पार्सल छुड़ा लिया। जब युवक ने पार्सल खोला तो वह यह देखकर हैरान रह गया कि पार्सल के अंदर मोबाइल के नाम पर छोटे बच्चे की बैल्ट डाली गई थी। बैल्ट देखते ही युवक ने माथा पीट लिया और उसे खुद को ठगे जाने का एहसास हुआ। 

फेक कॉल के झांसे में न आएं लोगे
श्री नयनादेवी जी के डी.एस.पी. अनिल शार्म लोगों से अपील है कि वे फेक कॉल के झांसे में न आएं। प्रतिदिन जालसाजों द्वारा ठगी करने के लिए नित नए हथकंडों को अपनाया जा रहा है। लोगों को इस बात को समझने की आवश्यकता है कि जब उन्होंने कोई लॉटरी या लक्की ड्रा डाला ही नहीं है तो उनका ईनाम कैसे निकल गया। शातिरों द्वारा मोबाइल पर ठगी करने के लिए स्काइप कॉल के नंबरों से कॉल की जाती है जिसके द्वारा उनकी असल वस्तुस्थिति का सही रूप से पता भी नहीं चल पाता। जिला में ठगी के ऐसे बढ़ते मामलों को लेकर ही आजकल विद्यालयों में डी.एस.पी. द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन लोग हैं कि मानते ही नहीं।


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