इस मंदिर में पड़ा करोड़ों का सोना-चांदी रामभरोसे, सिर्फ 4 पुलिसकर्मी देते हैं यहां पहरा

punjabkesari.in Tuesday, Jan 16, 2018 - 10:34 AM (IST)

कांगड़ा : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न मंदिरों में पड़ा करोड़ों रुपए का सोना-चांदी रामभरोसे छोड़ दिया गया है। पूर्व भाजपा की धूमल सरकार के समय में प्रदेश के विभिन्न मंदिरों में पड़ा सोना-चांदी मंदिर अधिकारी, एस.डी.एम. और मंदिर कमेटी की सहमति से होशियारपुर, कांगड़ा व अमृतसर में सोना-चांदी को ईंटों में परिवर्तित करके चंडीगढ़ के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा करवाया गया है। मंदिरों को गोल्ड बाऊंड के तहत जमा करवाए सोने-चांदी पर 4 प्रतिशत ब्याज मिलता था, लेकिन 2012 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने पर पुरानी पॉलिसी को बदल दिया गया और प्रदेश स्तरीय सब कमेटी का गठन किया गया।

मंदिर में लगभग 810 किलोग्राम चांदी व 18 किलोग्राम सोना पड़ा है
इसमें आई.ए.एस. अधिकारियों की टीम गठित की गई, जोकि मंदिरों में जमा सोने-चांदी का हिसाब रखती थी और उसकी पॉलिसी बनाती थी। इस कमेटी में लोकल मंदिर ट्रस्टों की भूमिका को पूरे तौर पर निरस्त कर दिया गया।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश की विभिन्न सरकारों द्वारा अधिकृत मंदिरों में अरबों रुपए का सोना-चांदी, विदेश मुद्रा व अन्य दुर्लभ सामान पड़ा हुआ है, लेकिन कोई पुख्ता पॉलिसी न होने की वजह से सारा कीमती सामान मंदिरों में ही पड़ा हुआ है। इससे न तो मंदिरों को कोई लाभ हो रहा है और न ही वहां पड़ी करोड़ों की संपत्तियों की सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया है। वहीं बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा के वरिष्ठ पुजारी पंडित राम प्रसाद शर्मा और मंदिर के कार्यकारी अधिकारी सुरेंद्र धीमान ने बताया कि इस समय कांगड़ा मंदिर में लगभग 810 किलोग्राम चांदी व 18 किलोग्राम सोना पड़ा हुआ है।

बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा में 4 पुलिस कर्मी पहरा देते 
इस बहुमूल्य संपत्ति को मंदिर के भीतर बड़े-बड़े सेफ में रखा गया है और अब अलमारियां भर जाने के बाद सोना-चांदी को गांठों में बांध कर रखा जा रहा है, जिससे इन संपत्तियों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि रात को बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा में 4 पुलिस कर्मी पहरा देते हैं, जोकि नाकाफी हैं। इस बारे एस.पी. कांगड़ा संतोष पटियाल ने कहा कि कांगड़ा जिला के सभी मंदिरों में सुरक्षा का जायजा लेने के पश्चात मंदिरों की सुरक्षा हेतु रात्रि गश्त के लिए सुरक्षा कर्मियों की संख्या जरूरत के अनुसार बढ़ाई जा सकती है। वहीं एस.डी.एम. कांगड़ा धर्मेश रामोत्रा ने कहा कि यह मामला विधानसभा में उठा था और हमें सरकार की तरफ से आदेश प्राप्त हुए हैं कि एक कमेटी का गठन करके इस मामले की पूरी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाए।


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