हाईकोर्ट के आदेशों पर वन भूमि से हटाऐ 4 अवैध कब्जे, 3 को छोड़ा

punjabkesari.in Friday, Feb 16, 2018 - 01:25 AM (IST)

पालमपुर: प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर वन भूमि पर अपना कब्जा जमाए हुए 7 परिवारों पर शिकंजा कसा गया, जिसमें वन विभाग द्वारा 4 घरों पर कार्रवाई की है जबकि 3 घरों को छोड़ दिया गया है। जानकारी के अनुसार  वन विभाग के कर्मचारियों ने वीरवार को ठाकुरद्वारा के साथ लगती रायपुर टी स्टेट रामनगर कालोनी के साथ लगते 4 घरों को उखाड़ दिया है। बताते चलें कि यह परिवार 40 वर्षों से यहां पर रह रहे हैं, ऐसे में विद्युत विभाग के कर्मचारियों द्वारा उक्त घरों की बिजली को भी काट दिया गया है। उसके उपरांत वन विभाग के कर्मचारियों ने हाईकोर्ट के निर्देशानुसार 4 परिवारों पर कार्रवाई की है। 
PunjabKesari
7 की बजाय 4 घरों को उखाड कर चलते बने कर्मचारी 
हाईकोर्ट के निर्देशानुसार वन कर्मियों ने प्रभावित परिवारों को वीरवार को दोपहर 2 बजे तक का समय दिया था कि वे स्वयं अपने घरों को खाली कर दें। हैरानी की बात यह है कि वन विभाग द्वारा 7 घरों को उखाडऩे की बजाय 4 घरों पर हीकार्रवाई की गई है।
PunjabKesari
प्रभावित बोले-कुछ मोहलत दे देते तो खुद ही चले जाते
प्रभावित परिवारों में जनकू राम, सुधी देवी, लीरू राम, रूमला, ईश्वर दास, रोशन लाल व ब्रह्मी देवी का कहना है कि हम 40 वर्षों से टी स्टेट रामनगर कालोनी में रह रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चों की परीक्षाएं भी नजदीक हैं और वन विभाग द्वारा घरों को उखाडऩे पर इतनी ठंड में हम किस जगह में जाएंगे। उक्त लोग बड़ा भंगाल से संबंधित हैं। प्रभावित लोगों का कहना है कि उन्हें कुछ दिन की मोहलत देते तो स्वयं ही यहां से चले जाते। उधर कार्रवाई के दौरान बच्चे सहमेे खड़े अपने आशियाने उजड़ते देखते रह गए।
PunjabKesari
प्रभावित परिवारों और कालोनीवासियों में हुई गहमागहमी 
इस दौरान प्रभावित परिवारों ने जब अपने घरों का सामान मंदिर के साथ लगते सराय भवन में रखने की अनुमति मांगी तो कालोनी निवासियों ने हंगामा कर दिया, जिसके चलते मौके पर पालमपुर के तहसीलदार भी प्रभावित परिवारों का जायजा लेने के लिए पहुंचे। इस दौरान तहसीलदार ने भी प्रभावित परिवारों के घर का सामान सराय में रखने को कहा परंतु कालोनी के परिवारों ने विरोध जताते हुए कहा कि यहां पर सामान नहीं रखने देंगे तथा वे अन्य किसी जगह पर सामान को ले जाएं। 
PunjabKesari
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News