सरकार ने बी.पी.एल. परिवार द्वारा अपात्र लोगों को बाहर करने के लिए निकाला नया तरीका

punjabkesari.in Tuesday, Apr 26, 2016 - 09:56 AM (IST)

शिमला: राज्य में बी.पी.एल. परिवारों को अलग से चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत चयनित बी.पी.एल. परिवारों के घरों के सामने साइन बोर्ड लगाया जा रहा है। साइन बोर्ड लगाने की यह प्रक्रिया कांगड़ा जिला से शुरू हो गई है। बी.पी.एल. परिवारों के घर के सामने साइन बोर्ड लगाने के पीछे सरकार का तर्क यह है कि इससे अपात्र लोगों को सूची से बाहर किया जा सकेगा।

सरकार का मानना है कि यदि बी.पी.एल. सूची में अपात्र परिवार को शामिल किया गया है, तो उसका पता आसानी से चल सकेगा। बी.पी.एल. परिवारों को चिन्हित करने संबंधी यह मामला विधानसभा के बजट सत्र में भी उठा था, जिस पर पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऐसा किया जा रहा है। उनका कहना था कि इससे अपात्र परिवारों को सूची से बाहर करने में मदद मिलेगी।

हिमाचल में 2,82,278 बी.पी.एल. परिवार

हिमाचल प्रदेश में इस समय बी.पी.एल. परिवारों की संख्या 2,82,278 है जबकि राज्य में यह संख्या 2,82,370 तय की गई है। यह निर्धारित लक्ष्य से 92 कम है। बी.पी.एल. चयन की नई प्रक्रिया के अनुसार अब 1 पंचायत से 10 परिवारों को बी.पी.एल. की सूची में शामिल किया जा सकेगा। केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य में 3 बार बी.पी.एल. परिवारों की समीक्षा हुई है।

पहले यह समीक्षा 6 अप्रैल, 2008, दूसरी बार 3 मार्च, 2011 और तीसरी मर्तबा 7 अप्रैल, 2013 को की गई। चयन प्रक्रिया के बाद यह सूची केंद्र सरकार को फाइनल करनी है। बी.पी.एल. चयन का अधिकार ग्राम सभा को दिया गया है और गलत चयन करने पर पहले एस.डी.एम. कार्यालय और बाद में डी.सी. के पास इसकी शिकायत की जा सकती है।

कांगड़ा से शुरू हुई प्रक्रिया : ओंकार शर्मा
सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज ओंकार शर्मा का कहना है कि सरकार की घोषणा के अनुसार कांगड़ा जिला से बी.पी.एल. सूची में शामिल किए गए परिवारों के घर के बाहर साइन बोर्ड लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसका उद्देश्य अपात्र परिवारों को सूची से बाहर करना है।

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