महामृत्युंजय मंदिर का अधिग्रहण
punjabkesari.in Friday, Apr 08, 2016 - 12:13 AM (IST)

मंडी: सरकार ने उत्तर भारत के एकमात्र महामृत्युंजय मंदिर का अधिग्रहण कर लिया है। वीरवार को इस बारे में जिला प्रशासन के पास अधिसूचना पहुंची। डीसी मंडी संदीप कदम ने अधिसूचना मिलने की पुष्टि की है। अब प्रशासन यहां मंदिर अधिकारी तैनात करने व भाषा एवं संस्कृति विभाग से यहां स्टाफ व पुजारी का खाका तैयार करने में जुट गया है।
मंदिर सरकारी नियंत्रण में आने की भनक लगते ही कथित पुजारी ने रातोंरात यहां कुटिया से अपना सामान समेट लिया है और मंदिर के चारों ओर मनमर्जी से उखाड़ी चादरों व लोहे को गायब कर दिया है। महामृत्युंजय मंदिर का अधिग्रहण होने से अब यहां एक पुजारी, एक सिक्योरिटी गार्ड व चौकीदार तैनात होगा। पहले से मौजूद दानपात्र अब मंदिर अधिकारी की देखरेख में ही खुलेगा।
पहले कथित पुजारी की चलती थी मनमर्जी
इस मंदिर में पहले एक कथित पुजारी की ही मनमर्जी चलती रही और उसने यहां प्रशासन को पूछे बगैर ही धरोहर मंदिर के आधार नक्काशीदार पत्थरों से छेड़छाड़ कर उन्हें नुक्सान पहुंचाया। मंदिर के चारों ओर बिछाई गई चादरों व लोहे के ऐंगलों को उखाड़ डाला और मुख्य गेट के पत्थरों को खुरच दिया था। जब यह मामला सामने आया तो मंडी बचाओ संघर्ष मोर्चा समर्थन में आया और दोषी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए डीसी से गुहार लगाई। इस बीच कथित पुजारी ने प्रशासन व वन विभाग को बताए बगैर आस्था के प्रतीक मंदिर परिसर में खड़े एक पीपल के पेड़ को रातोंरात काट डाला था। सरकार ने अब कै बिनेट में लिए गए फैसले के आधार पर अधिसूचना जारी कर दी है जिस पर कार्रवाई के लिए औपचारिकता पूरी की जा रही है।
पराशर मंदिर अधिग्रहण प्रक्रिया पर रोष
पराशर मंदिर के अधिग्रहण को लेकर भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया के विरोध में क्षेत्र के लोग और पराशर मंदिर कमेटी मुख्यमंत्री के द्वार पहुंच गई है। कमेटी ने मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंप कर पराशर मंदिर का अधिग्रहण रोकने की मांग की है। पराशर ऋषि मंदिर कमेटी बाहंदी ने पूर्व सांसद एवं कुल्लू के विधायक महेश्वर सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिलकर इस प्रक्रिया को देव आस्था के विरुद्ध बताया। कमेटी के प्रधान बलबीर ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पराशर मंदिर के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने को लेकर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कमेटी व लोगों को आश्वासन दिया है कि किसी भी कीमत पर देव परंपराओं का हनन नहीं होने दिया जाएगा।