हर बड़े स्टेशन व नाके से पहले उतर रहे नशे के तस्कर, पुलिस व  एजैंसियों  चकमा

punjabkesari.in Monday, Jan 15, 2018 - 08:54 PM (IST)

कुल्लू : नशे के सौदागर पुलिस और नशे की तस्करी पर शिकंजा कसने के लिए रखी अन्य एजैंसियों से 2 कदम आगे चलकर अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। रूट बदलकर भी नशे की खेप को लेकर तस्कर आगे बढ़ रहे हैं। तस्कर कुल्लू, मंडी या शिमला से खेप के साथ निकल कर चंडीगढ़ तक पहुंचने के लिए कई गाडिय़ां बदल रहे हैं। हर बड़े स्टेशन या नाके से पहले उतर कर तस्कर कई जगह पैदल ही आगे निकल रहे हैं और फिर गाड़ी को इस्तेमाल कर ठिकाने की ओर बढ़ रहे हैं। पुलिस के सूचना तंत्र को तस्करों की इस चालाकी से बड़ा झटका लग रहा है। डंप पड़े काले सोने के जखीरे को ठिकाने लगाने के लिए माफिया ने यह नया पैंतरा अपनाया है। कई बार नशे की खेप तस्कर जिस व्यक्ति से उठाते हैं वही पुलिस को शिकायत करते हैं और खेप लेकर आगे बढ़ रहे व्यक्ति का हुलिया भी पुलिस को बता देते हैं। इस तरह की शिकायतों से बचने के लिए तस्करों ने भी नया तरीका ढूंढ निकाला है। कई तस्कर तो खेप उठाने के बाद आगे बढऩे से पहले अपना हुलिया भी बदल रहे हैं। अपना हेयर स्टाइल व कपड़े आदि बदलकर आगे निकल रहे हैं जिससे बताए गए हुलिए से उनका पहनावा व रंग-ढंग मेल ही नहीं खा पा रहा है। 

बसें बदल-बदल कर दे रहे अपने काम को अंजाम 
लोगों का कहना है कि कुल्लू या मंडी से चंडीगढ़ की ओर यदि हम किसी बस में बैठें तो भीड़ में इक्का-दुक्का लोग ऐसे होते हैं जो कुल्लू से उसी बस में बैठते हैं और 10-15 किलोमीटर आगे जाकर उतर जाते हैं। उसके बाद कई बार उसी बस को वे मंडी में पकड़ते हैं और फिर उसी बस में आगे का सफर शुरू करते हुए कुछ देर बाद उतर जाते हैं। हिमाचल की सीमा पार करने के बाद स्वारघाट या कुछ आगे फिर से वे लोग उसी बस को रुकवाते हैं और चंडीगढ़ की ओर निकलते हैं। कई बार बसें बदलने वाले इन लोगों को कभी बिलासपुर, कभी सुंदरनगर, कभी स्वारघाट या किसी अन्य स्टेशन पर पैदल चलते-फिरते भी देखा जा सकता है। इनमें कई बार महिलाएं या अन्य शरणार्थी महिलाएं भी शामिल होती हैं। सफर कर रहे अन्य लोग भी इन्हें अलग-अलग स्टेशन पर बार-बार देखकर हैरान होते हैं। पता चला है कि पुलिस के पास भी कई लोगों ने इस तरह की सूचनाएं पहुंचाई हैं। तस्करों के नए पैंतरे से पुलिस विभाग के भी कान खड़े हो गए हैं। इस गोरखधंधे से जुड़े बड़े मगरमच्छ भी खेप लेकर निकलने वाले तस्करों को गाड़ी बदलने या अन्य तरीकों को अपनाने की सलाह देते हैं। 

पुलिस भी कारनामों से हैरान
शिमला में कुछ दिन पहले 6 किलो से ज्यादा चरस के साथ पकड़े गए 2 नेपालियों ने भी पुलिस पूछताछ में खुलासा किया है कि उन्होंने ठिकाने की ओर बढऩे से पहले हुलिया बदला था। हेयर स्टाइल से लेकर पहनावा भी बदल दिया था। खेप को माफिया के ठिकाने से उठाते समय उनकी लंबी मूंछें व दाड़ी थी। जब ठिकाने की ओर सफर शुरू किया तो मूंछें और दाड़ी कटवा डाली ताकि शिकायत होने पर भी हुलिए के अनुसार उन्हें पहचाना न जा सके। 

धारा 29 के इस्तेमाल से बौखलाहट
कुल्लू पुलिस ने भी जनवरी, 2017 से अब तक सवा क्ंिवटल से ज्यादा चरस पकड़ी है। 150 के करीब तस्करों को धरा गया है और धरे गए तस्करों की निशानदेही पर पुलिस ने कइयों को एन.डी.पी.एस. एक्ट की धारा 29 के तहत भी सलाखों के पीछे पहुंचाया। धारा 29 का अधिक इस्तेमाल होने से भी माफिया बौखलाया हुआ है और गोरखधंधे को जारी रखने के लिए नए-नए तरीके अपनाने की कोशिशें कर रहा है। 

पुलिस नशे के सौदागरों की हर तरह की गतिविधियों पर पैनी निगाह रखे हुए है। किसी भी बिंदु पर तस्करों को छूट नहीं दी जा रही है। माफिया के हर पैंतरे का तोड़ निकालने के लिए हमारी एक टीम लगातार काम कर रही है। आम लोगों से भी हमारी अपील है कि नशे के तस्करों के संदर्भ में पुलिस को सूचित करें। ऐसे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। 
शालिनी अग्निहोत्री, एस.पी., कुल्लू
 


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